सड़क, पानी से आगे बढ़े विधायक
राज्य ब्यूरो, शिमला : ..लीजिए! पहली बार विधायक प्राथमिकता नए अंदाज में नजर आई। प्रदेश की क
राज्य ब्यूरो, शिमला : ..लीजिए! पहली बार विधायक प्राथमिकता नए अंदाज में नजर आई। प्रदेश की कई सड़कें भले ही बदहाल हों लेकिन विधायक सड़क पानी से आगे सोच रहे हैं..उनकी नजर धार्मिक पर्यटन पर है..वे अधिकाधिक रोजगार चाहते हैं.. यानी अब वे कुछ नया चाहते हैं। कुछ ने राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में औद्योगिक विस्तार भी मांगा।
मुख्यमंत्री के साथ हुई विधायक प्राथमिकता बैठक में जनप्रतिनिधियों ने बेबाकी के साथ कहा, 'कांग्रेस सरकार में पाइपों की खरीद पहले होती रही। लोगों के घर तक पानी उपलब्ध करवाने के लिए सिविल वर्क्स की औपचारिकताएं बाद में पूरी होती थी। हालत यह है कि कांग्रेस सरकार में विपक्षी विधायक क्षेत्र विशेष संबंधी प्राथमिकताएं उठाते रहे मगर पांच साल तक उनपर कोई काम नहीं हुआ।'
सचिवालय में आयोजित छह जिलों की बैठक में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि विधायकों द्वारा दी गई प्राथमिकताओं की प्रगति की समीक्षा के लिए वार्षिक योजना बैठकें अब वर्ष में दो बार आयोजित की जाएंगी।
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खराब सड़कों के लिए जिम्मेदार अधिकारी-ठेकेदार नपेंगे : जयराम
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सभी विकासात्मक परियोजनाएं तय समय में पूरी हों, ऐसा सुनिश्चित करेगी। लेकिन बकौल सीएम, बड़ी बात यह है, 'सड़कों की कमजोर गुणवत्ता के लिए जिम्मेदार ठेकेदारों तथा अधिकारियों के विरुद्ध सरकार कड़ी कार्रवाही करेगी। क्योंकि सड़कों की मैटलिंग तथा टायरिंग कार्य में अनियमितताओं के संबंध में राज्य के लगभग सभी भागों से बड़ी संख्या में शिकायतें प्राप्त हो रही हैं।'
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धार्मिक पर्यटन सबकी प्राथमिकता
प्रत्येक विधायक चाहता है कि धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा दिया जाए। प्रदेश के प्रत्येक प्राचीन मंदिर को पर्यटन से जोड़ने की जरूरत है। भाजपा विधायक जेआर कटवाल ने दियोटसिद्ध बाबा बालक नाथ न्यास को पर्यटन विस्तार का केंद्र बिंदु बनाने का आग्रह किया। इसी तरह से कांग्रेस विधायक रामलाल ठाकुर ने श्री नयनादेवी जी क्षेत्र को विकसित करने की वकालत की। भाजपा विधायक सुरेश कुमार कश्यप ने समूचे सिरमौर जिला के तहत आने वाले बाला सुंदरी, रेणुका जी, बगयाणी मंदिर, शिरगुल महाराज व गुरुद्वारा पांवटा साहिब को टूरिज्म सर्किट के तहत विकसित करने की वकालत की। ऐसा करने से पर्यटन क्षेत्र में रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
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लघु उद्योग समय की जरूरत
विधायक चाहते हैं कि जिस तरह से महिलाओं के स्वयं समूहों ने संगठित होकर लघु औद्योगिक गतिविधियां संचालित की हैं। ठीक उसी तरह से लघु उद्योगों को बढ़ावा दिया जाए। जिसके लिए मोदी सरकार की ओर से कर्ज की सुविधा भी उपलब्ध है।
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टेंडर हुए स्कीमें नहीं बनी
हालत ये है कि हर साल सिंचाई की स्कीमों की प्राथमिकताएं विधायकों से ली जाती है। उनपर किसी प्रकार का काम नहीं होता। पांवटा डिवीजन के तहत 11 योजनाओं के टेंडर दस साल पहले हो चुके थे। लेकिन अभी तक एक भी सिंचाई योजना का निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ। इसी तरह से चौपाल क्षेत्र में प्राथमिकता में दी गई सड़क योजनाएं अभी तक पूरी नहीं हो पाई है।