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आयकर कौन चुकाएगा, विधायक खुद लें निर्णय : कुलदीप राठौर

विधायकों का आयकर सरकार न भर स्वयं विधायक भरें इस बहस के बीच प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप राठौर ने कहा है कि इसमें कांग्रेस पार्टी का अपनी तरफ से कोई दबाव विधायकों पर नहीं रहेगा। कांग्रेस विधायक दल खुद इस विषय पर निर्णय लेने के लिए सक्षम हैं और वह अपने स्तर पर ही इस विषय पर

By JagranEdited By: Published: Thu, 19 Sep 2019 10:08 PM (IST)Updated: Fri, 20 Sep 2019 06:49 AM (IST)
आयकर कौन चुकाएगा, विधायक
खुद लें निर्णय : कुलदीप राठौर
आयकर कौन चुकाएगा, विधायक खुद लें निर्णय : कुलदीप राठौर

राज्य ब्यूरो, शिमला : कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप राठौर ने कहा है कि माननीयों का आयकर सरकार चुकाएगी या वे स्वयं चुकाएंगे, यह निर्णय लेने में पार्टी विधायक सक्षम हैं। इस मामले में कांग्रेस का कोई दबाव विधायकों पर नहीं है। विधायक इस मामले में खुद निर्णय लें।

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कुलदीप राठौर ने पत्रकारों से कहा कि धर्मशाला में गुटबाजी के मामले को आलाकमान के समक्ष रख दिया है। ऐसे बयानों से पार्टी को नुकसान होता है। इसलिए पार्टी के बड़े नेताओं को इन बातों का ध्यान रखना चाहिए। विधानसभा उपचुनाव में उम्मीदवारों के नाम की घोषणा हाईकमान ने करनी है। दस से 15 दिन में पार्टी टिकट फाइनल कर देगी। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार प्रदेश को बेचने के लिए कई तरह के संशोधन लगातार कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस प्रदेश हितों के साथ किसी भी तरह का खिलवाड़ नहीं होने देगी। जरूरत पड़ी तो कांग्रेस प्रदेशस्तर से लेकर पंचायत स्तर तक धरने प्रदर्शन करेगी। यह भी चिता का विषय है कि भ्रष्टाचारियों की जांच होनी चाहिए या भ्रष्टाचार के आरोप लगाने वालों की।

वहीं, राठौर ने यहां जारी बयान में प्रदेश की तीन आयुर्वेदिक फॉर्मेसियों को बंद करने के सरकार के प्रस्ताव पर हैरानी जताई है। उन्होंने कहा कि निवेश के नाम पर प्रदेश की ऐतिहासिक धरोहर और सरकारी संपत्तियों को औने पौने दाम में बेचा जा रहा है। जोगेंद्रनगर, माजरा और पपरोला में आयुर्वेदिक फॉर्मेसी सरकार की उपेक्षा से बंद होने के कगार पर है। इनमें कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों का भविष्य भी अधर में है। सरकार इनमें कार्यरत 100 से अधिक लोगों को खाली बैठाकर वेतन तो दे रही है, पर इनमें किसी भी प्रकार का उत्पादन नहीं किया जा रहा है। पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में इन्हीं तीनों फॉर्मेसियों से प्रदेश में आयुर्वेदिक दवाओं की आपूर्ति की जाती थी। अब सरकार द्वारा निजी फार्मेसियों से दवाएं खरीद रही है जिनके अधिकतर सैंपल फेल हो रहे हैं। एक हजार करोड़ से अधिक की संपत्ति 250 करोड़ में बेचने के सरकार के प्रस्ताव में घोटाले की आशंका है। कांग्रेस इस प्रकार के किसी भी सौदे को सहन नहीं करेगी। उन्होंने सरकार से पूछा है कि इन फार्मेसियों को बेचने के प्रस्ताव किसने पारित किए हैं। उन्होंने हाल ही में विभाग द्वारा जैम पोर्टल से की गई खरीद को भी सार्वजनिक करने की मांग करते हुए कहा कि विभाग के निदेशक पर क्या कार्रवाई हुई और जांच में क्या निकला, इसे सार्वजनिक किया जाना चाहिए।


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