साहित्य कालखण्ड का आईना होता है: धूमल
राज्य स्तरीय यशपाल जयंती समारोह के शुभारंभ पर मुख्यातिथि पूर्वमुख्यमंत्री प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि साहित्य कालखण्ड का आईना होता है।
शिमला, जेएनएन। भाषा एवम संस्कृति विभाग हिमाचल प्रदेश द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय यशपाल जयंती समारोह के शुभारंभ पर बतौर मुख्यातिथि पहुंचे पूर्वमुख्यमंत्री प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल ने उपस्थित साहित्यकारों, कवि गणों एवम विद्ववानों को संबोधित करते हुए कहा कि यशपाल जिनका मूलनिवास टिक्कर भरियाईयां था, देश के महान स्वतंत्रता सेनानी, क्रांतिकारी, लेखक, साहित्यकार, कर्मयोगी के तौर पर अपना एक अलग स्थान रखते हैं। यशपाल के जीवन पर व्याख्यान देते हुए श्री धूमल ने कहा कि जिस भी काल में जो साहित्य लिखा जाता है वो उस कालखण्ड का आईना होता है।
यशपाल के लेखन की चर्चा करते हुए प्रोफेसर धूमल ने कहा कि यशपाल ने देश की आजादी में स्कूल के विद्यार्थी के रूप में ही कर्मयोगी का जीवन अपना लिया। एक लेखक के रूप में देश के साहित्य जगत में अपना अलग स्थान बनाया।वे हिन्दू संस्कृति-हिन्दू इतिहास पर गर्व करते थे क्योंकि उनकी माता आर्यसमाज से प्रभावित थीं।
प्रोफेसर धूमल ने कहा कि राष्ट्रवादी विचारधारा केसमर्थक यशपाल ने आजादी की लड़ाई में विशेष भूमिका निभाई।यशपाल से जुड़े विभिन्न प्रसंगों को श्री धूमल ने साहित्यकारों के साथ सांझा किया। कैरियर पॉइन्ट विश्वविद्यालय में आयोजित इस समारोह के सुअवसर पर विश्वविद्यालय द्वारा यशपाल साहित्य पीठ स्थापित करने पर प्रोफेसर धूमल ने विश्वविद्यालय का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि इस पीठ की स्थापना से यशपाल जी का सम्मान होगा, इस धरती का सम्मान होगा, यहां के लोगों का सम्मान होगा।
श्री धूमल ने विश्वविद्यालय प्रशासन के इस प्रयास की प्रशंसा की। भाषा संस्कृत विभाग को शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने इस आयोजन पर उपस्थित सभी लोगों का धन्यवाद किया।