वित्तायोग से मांगे चार हजार करोड़
-राज्य सरकार ने 15वें वित्त आयोग को भेजा प्रस्ताव -मुख्यमंत्री भी आयोग के समक्ष कई बार उठा चुके हैं मामला ---------------------
राज्य ब्यूरो, शिमला : हिमाचल में बरसात के दिनों में करोड़ों रुपये का नुकसान होता हैं, लेकिन इसकी भरपाई के लिए मिलने वाली राशि बहुत कम होती है। यही वजह है कि नुकसान की भरपाई के लिए अब राज्य सरकार 15वें वित्तायोग की तरफ टकटकी लगाए बैठा है। सरकार ने वित्त आयोग को पत्र भेजकर अगले पांच साल के लिए चार हजार करोड़ रुपये की मांग की है। प्रदेश की उम्मीदों को इसलिए भी पंख लग गए हैं क्योंकि इस मसले को केंद्र के समक्ष मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर कई बार उठा चुके हैं। 14 वें वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार प्रदेश को पांच साल में 1304 करोड़ मिले थे जबकि 2013 से पहले सौ करोड़ की भी मदद नहीं मिलती थी।
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बारिश में बहे थे दो हजार करोड़ पिछले साल प्रदेश में बारिश में दो हजार करोड़ का नुकसान हुआ था, लेकिन इसकी भरपाई के लिए केवल 317 करोड़ मिले। आज तक जितनी भी केंद्रीय मदद मिली है, उसमें यह सर्वाधिक है। हालांकि नुकसान की तुलना में यह काफी कम है। अब सरकार इस बात को उठा रही है कि उसे नुकसान रोकने के लिए पैसा चाहिए। ---------------
प्रदेश को नुकसान ही न हो इसके लिए फंड मांगा जा रहा है। 15वें वित्त आयोग से चार हजार करोड़ की मांग की गई है। राज्य के अपने वित्तीय संसाधन सीमित हैं, इस कारण केंद्र पर अधिक निर्भर रहना पड़ता है। उम्मीद है कि आयोग प्रदेश को निराश नहीं करेगा।
-डीसी राणा, निदेशक, आपदा राहत
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