कोटखाई दुष्कर्म व हत्या मामले मामले में सुनवाई
कोटखाई में दुष्कर्म मामले पर सीबीआइ द्वारा आरोपित पुलिस कर्मियों के शपथपत्रों की मांग करने वाले आवेदन पर लंबी बहस के बाद सुनवाई शुक्रवार के लिए टल गई।
शिमला, जेएनएन। कोटखाई में दुष्कर्म के बाद छात्रा की हत्या मामले पर सीबीआइ द्वारा आरोपित पुलिस कर्मियों के शपथपत्रों की मांग करने वाले आवेदन पर लंबी बहस के बाद प्रदेश हाईकोर्ट में सुनवाई शुक्रवार के लिए टल गई। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल व न्यायाधीश संदीप शर्मा की खंडपीठ के समक्ष इस मामले पर सुनवाई हुई।
सीबीआइ ने कोर्ट से आग्रह किया है कि उसे मामले में गवाह बनाए गए पुलिस कर्मी दीप चंद के शपथपत्र की प्रतिलिपि दी जाए, ताकि उस गवाह के होने वाले बयान व शपथपत्र में दी गई जानकारी आपस में परखी जा सके। दीप चंद इस मामले में जांच अधिकारी था। सीबीआइ ने कहा कि वह इस मामले में बनाए गए अन्य सभी निजी प्रतिवादी पुलिसकर्मियों के शपथपत्र भी चाहती है। सीबीआइ ने सभी शपथपत्रों की प्रतिलिपि कोर्ट से मांगी है। सीबीआइ ने कोर्ट को यह भी बताया कि हिरासत में मौत मामला ट्रायल आगे नहीं बढ़ पा रहा है। आरोपितों की ओर से पैरवी के लिए कोई वकील पेश नहीं हो रहा है।
कोटखाई में दुष्कर्म के बाद छात्रा की हत्या मामले में पुलिस जांच के दौरान पकड़े गए कथित आरोपित सूरज की हिरासत में मौत हो गई थी। इसके पश्चात हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान वाली मौजूद जनहित याचिका में तत्कालीन एसआइटी प्रमुख पूर्व आइजी जहूर एस जैदी समेत 8 पुलिसकर्मियों को प्रतिवादी बनाया और उनसे उनके द्वारा इस मामले में की गई जांच का विस्तृत ब्योरा शपथपत्र के माध्यम से देने के आदेश दिए थे। सभी प्रतिवादी पुलिसकर्मियों ने अपने अपने शपथपत्र सील्ड कवर में दायर किए हैं।
सीबीआइ ने सीबीआइ कोर्ट में चार्जशीट दायर करने से पहले भी यह शपथपत्र मांगे थे परंतु हाईकोर्ट ने यह शपथपत्र सौंपने से इन्कार कर दिया था क्योंकि सीबीआइ जांच लंबित थी। अब जबकि दोनों ही मामलों में चार्जशीट दायर की जा चुकी है इसलिए सीबीआइ इन शपथपत्रों में दी गयी जानकारियों का इस्तेमाल ट्रायल के दौरान करना चाहती है। मामले पर आज फिर से सुनवाई होगी।