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आइजीएमसी में किडनी ट्रांसप्लांट जल्द

प्रदेश के मिनी पीजीआई कहलाए जाने वाले आईजीएमसी में अब जल्द ही गुर्दा प्रत्यारोपण जैसी सुविधा आरंभ होगी। ऑपरेशन के लिए आधुनिक थियेटर तैयार हो गया है। इन पर 1 करोड़

By JagranEdited By: Published: Tue, 12 Feb 2019 07:16 PM (IST)Updated: Tue, 12 Feb 2019 07:16 PM (IST)
आइजीएमसी में किडनी ट्रांसप्लांट जल्द
आइजीएमसी में किडनी ट्रांसप्लांट जल्द

राज्य ब्यूरो, शिमला : प्रदेश के सबसे बडे़ स्वास्थ्य संस्थान इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आइजीएमसी) शिमला में जल्द किडनी ट्रांसप्लांट (गुर्दा प्रत्यारोपण) जैसी सुविधा आरंभ होगी। ऑपरेशन के लिए आधुनिक थियेटर तैयार हो गया है। इन पर 1 करोड़ 8 लाख 96 हजार रुपये खर्च किए गए हैं। आठ डॉक्टरों और नौ पैरामेडिकल स्टाफ को पीजीआइ, एम्स में प्रशिक्षण दिया गया है। कुछ औपचारिकताएं बची हैं। जैसे ही पूरी होंगी, ऑपरेशन की सुविधा मिल जाएगी। यह बात स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार ने कही।

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विधानसभा में यह मामला तीन विधायकों रामलाल ठाकुर, राकेश पठानिया और अनिरुद्ध ¨सह ने प्रश्नकाल में उठाया। भाजपा विधायक राकेश पठानिया ने आधुनिक ऑपरेशन थियेटर निर्मित करने के लिए सरकार की थपथपाई। विधायकों ने सवाल पूछा था कि दो वर्ष में किडनी ट्रांसप्लांट के लिए कितने डॉक्टरों को प्रशिक्षित किया गया और इनके प्रशिक्षण पर कितना खर्च हुआ? कांग्रेस विधायक रामलाल ठाकुर ने पूछा कि बिना प्रशिक्षण पूरा हुए ऑपरेशन कर सुविधा 31 मार्च तक देने के मंत्री के बयान का क्या आधार है? डॉ. राकेश चौहान का प्रशिक्षण दो साल का पूरा हुआ है। अभी एक साल और रहा है। उन्होंने केंद्र सरकार की अधिसूचना का भी हवाला दिया। इसमें तीन साल के प्रशिक्षण की बात कही गई है। विधायक राकेश पठानिया ने कहा कि पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में टॉ¨सग ऑफ पेपर्स हुई, जबकि मौजूदा सरकार ने सफल प्रयास किए हैं।

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इन डॉक्टरों को मिला प्रशिक्षण

दो साल में आठ डॉक्टरों को पीजीआइ और एम्स में किडनी ट्रांसप्लांट का प्रशिक्षण मिला। इनमें डॉ. राकेश चौहान, डॉ. पमपोश रैना, डॉ. सुरेंद्र ¨सह, डॉ. गिरीश, डॉ. दारा ¨सह, डॉ. पूरा, डॉ. ललित नेगी, डॉ. कार्तिक स्याल शामिल हैं। ये पैथोलॉजी, एनेस्थीसिया, नेफरोलॉजी, यूरोलॉजी से संबंधित हैं। इनके अलावा नौ पैरामेडिकल स्टाफ को भी प्रशिक्षण दिया गया।

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जल्दबाजी में नहीं

स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार ने कहा कि सरकार जल्दबाजी में नहीं है। सभी औपचारिकताओं को पूरी करने के बाद ही किडनी के ऑपरेशन होंगे। ऑपरेशन में एम्स के डॉक्टर भी सहयोग करेंगे। नई सुविधा के लिए पिछले बजट में चार करोड़ की व्यवस्था की गई थी।


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