जनमंच में अधिकारियों के तैयार होकर न आने पर जयराम खफा
राज्य सरकार जनमंच कार्यक्रम में बेहतर प्रदर्शन करने वाले जिलों को पुरस्कृत किए जाने पर विचार कर रही है।
शिमला, राज्य ब्यूरो। प्रदेश सरकार द्वारा शुरू किए गए जनमंच कार्यक्रम के दौरान अधिकारियों द्वारा तैयार होकर न आने पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने उनकी खिंचाई की। उन्होंने बजट भाषण के दौरान घोषित की गई 30 योजनाओं की प्रगति पर असंतुष्टि जताई। उन्होंने मानसून सत्र से पहले इन सभी योजनाओं पर कार्य शुरू करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए।
जयराम ठाकुर ने शुक्रवार को प्रदेश सरकार की घोषणाओं और केंद्रीय व राज्य की योजनाओं की समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि जनमंच कार्यक्रम को अधिकारी हल्के में न लें। इसके लिए पूरी तैयारी के साथ आएं जिससे लोगों की ज्यादा से ज्यादा समस्याओं का समाधान हो सके। राज्य सरकार जनमंच कार्यक्रम में बेहतर प्रदर्शन करने वाले जिलों को पुरस्कृत किए जाने पर विचार कर रही है। वहीं, सात महीने के दौरान 694 घोषणाएं की जा चुकी हैं।
ई-समाधान पोर्टल शुरू, मुख्यमंत्री के पास पहुंचेगी शिकायत
मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को एनआइसी द्वारा बनाए ई-समाधान पोर्टल का शुभारंभ किया। उन्होंने योजनाओं को आम लोगों तक पहुंचाने के निर्देश दिए। प्रदेश के लोग ई-समाधान पोर्टल पर शिकायत कर सकेंगे। यह शिकायत सीधे मुख्यमंत्री के पास पहुंचेगी और तुरंत कार्रवाई होगी। इस पोर्टल पर मुख्यमंत्री से संवाद किए जाने की भी व्यवस्था है। मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को तय अवधि व आपसी तालमेल से कार्य पूरा करने के निर्देश जारी किए। उन्होंने कहा कि अगले छह माह के लिए लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। हर सरकारी कर्मचारी को लक्ष्य हासिल करने के लिए समर्पण के साथ कार्य करना चाहिए।
स्मार्ट सिटी परियोजनाओं के तहत 4363 करोड़ रुपये की 112 परियोजनाओं को जल्द अंतिम रूप दिया जाएगा। मुख्यमंत्री कार्यालय से ई-मेल पर तत्काल ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने ई-मेल का तुरंत जवाब देने के निर्देश जारी किए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार केंद्र से 5510 करोड़ रुपये की परियोजनाएं स्वीकृत करवाने में सफल रही है। वहीं, मुख्य सचिव विनीत चौधरी ने कहा कि सचिवों तथा विभागाध्यक्षों को राज्य सरकार के जनमंच कार्यक्रम को गंभीरता से लेना चाहिए।
विद्युत क्षमता के पूरे दोहन से बदलेगी आर्थिकी
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार युवाओं को राज्य में स्थापित होने वाले ऊर्जा क्षेत्र, उद्योगों व पर्यटन परियोजनाओं में 80 प्रतिशत रोजगार के अवसर सुनिश्चित करवाएगी। मुख्यमंत्री पर्यटन, ऊर्जा व उद्योगों में निवेश के लिए निर्धारित लक्ष्य की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में विद्युत की अपार क्षमता है। यदि इस सबका दोहन हो तो प्रदेश की आर्थिकी में भारी बदलाव आ सकता है। एक वर्ष के भीतर प्रदेश में 594 मेगावाट क्षमता की पांच जलविद्युत परियोजनाओं का कार्य पूरा होने वाला है।
इसके अलावा 307 मेगावाट क्षमता की 11 अन्य परियोजनाएं भी एक वर्ष के भीतर पूरी होंगी। सरकार गैर परंपरागत ऊर्जा के दोहन पर भी बल दे रही है। एक वर्ष के दौरान प्रदेश में 895.70 करोड़ रुपये के निवेश वाली 27 औद्योगिक इकाइयों को स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है। इससे लगभग 2600 लोगों को रोजगार मिलेगा। आगामी एक वर्ष के दौरान प्रदेश में 350 औद्योगिक प्लॉट उद्यमियों को आवंटित करने, 5000 करोड़ रुपये का निवेश व 8000 लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य है।