हिमाचल के साथ धार्मिक पर्यटन पैकेज बनाएगा जम्मू-कश्मीर
धार्मिक पर्यटन के लिए हिमाचल पर्यटन विभाग के अधिकारी घाटी में आकर योजना का प्रारूप तैयार कर सकते हैं।
शिमला, राज्य ब्यूरो। जम्मू-कश्मीर को अशांत राज्य माना जाता है, पत्थरबाजी की घटनाएं, आतंकी वारदात भले ही होती रहती हैं,लेकिन इसके बावजूद कश्मीर पर्यटन और पर्यटकों के लिहाज से बेहतर और सुरक्षित ठिकाना है। राज्य सरकार ने सैलानियों की सुरक्षा के लिए अलग से पर्यटन पुलिस की भी व्यवस्था की है। इतना ही नहीं जम्मू और कश्मीर (जेएंडके) सरकार राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हिमाचल सरकार के साथ मिलकर धार्मिक पर्यटन के लिए पैकेज तैयार करने की कवायद में जुटी है, ताकि हिमाचल आने वाले पर्यटक घाटी की ओर भी रुख कर सकें।
जम्मू-कश्मीर की पर्यटन शिक्षा मंत्री प्रिया सेठी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि दोनों राज्यों का रहन-सहन, खान-पान और भौगोलिक परिस्थितियां एक जैसी हैं। दोनों राज्यों में शक्तिपीठ भी हैं। हिमाचल में देवी दर्शन के लिए आने वाले पर्यटक जम्मू कश्मीर की ओर भी जा सकते हैं। धार्मिक पर्यटन के लिए हिमाचल पर्यटन विभाग के अधिकारी घाटी में आकर योजना का प्रारूप तैयार कर सकते हैं। दोनों राज्य मिलकर धार्मिक पर्यटन को गति देंगे। इससे हिमाचल के साथ साथ जम्मू और कश्मीर में पर्यटकों की आमद में बढ़ोतरी होगी।
रोहतांग-लेह-लद्दाख सड़क के विस्तार पर विचार
मंत्री ने कहा कि हिमाचल से सीधे लेह लद्दाख वाया रोहतांग पास जाया जा सकता है। पर्यटन की दृष्टि से यह रूट बहुत महत्वपूर्ण है। इस सड़क के विस्तार पर विचार किया जा रहा है। जेएंडके पर्यटन विभाग की टीम इन दिनों हिमाचल प्रदेश में अपने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रचार में भी जुटी है। राज्य में पिछले साल आए 1.8 करोड़ सैलानी जम्मू और कश्मीर में पिछले साल एक करोड़ अस्सी लाख पर्यटक आए थे। धार्मिक पर्यटन के तहत चालीस लाख पर्यटक पहुंचे। सूबे में आने वाले सैलानियों में एक लाख के करीब विदेशी शामिल थे। इनमें से अधिकतर लेह लद्दाख में घूमने आए थे।