सरकारी स्कूलों में सेल्फी से लगेगी बच्चों की हाजिरी
रविंद्र शर्मा, शिमला प्रदेश के सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की हाजिरी लगाने के लिए शिक्ष्
रविंद्र शर्मा, शिमला
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की हाजिरी लगाने के लिए शिक्षकों को रोल नंबर या नाम बोलने की जरूरत नहीं पड़ेगी। आधुनिक युग में स्कूल में विद्यार्थियों की हाजिरी भी आधुनिक तरीके से लगेगी। शिक्षक को अपने मोबाइल से कक्षा के बच्चों के साथ सेल्फी लेकर ई-पोर्टल पर अपलोड करनी होगी। इसी से बच्चों की हाजिरी लग जाएगी। कक्षा में कितने बच्चे उपस्थित हैं और कितने नहीं इसकी जानकारी शिक्षा विभाग के पास पहुंच जाएगी।
शिक्षा विभाग के लिए मॉनिटरिंग सिस्टम शुरू किया जा रहा है। इस संबंध में प्रस्ताव प्रदेश सरकार को भेजा गया है। सरकार ने इसकी जांच के लिए तकनीकी कमेटी का गठन किया है। कमेटी की हरी झंडी मिलने के बाद ही इसे मंत्रिमंडल में मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
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यह होगी व्यवस्था
शिक्षकों को मॉनिटरिंग सिस्टम के ई पोर्टल अपने मोबाइल फोन में डाउनलोड करना होगा। शिक्षक को समयसारिणी के अनुसार कक्षा में जाकर विद्यार्थियों के साथ सेल्फी लेनी होगी। इसे ई-पोर्टल पर अपलोड करना होगा। इसके बाद जो विद्यार्थी उपस्थित नहीं थे उनके नाम के आगे टिक लगाना है। इस पोर्टल पर स्कूल के बच्चों के नाम कक्षा वार अपलोड किए जाएंगे।
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अभिभावकों को भी जाएगी सूचना
पोर्टल की खासियत यह है कि कक्षा में अनुपस्थित रहने वाले विद्यार्थियों की सूचना अभिभावकों को भी जाएगी। मॉनिटरिंग सिस्टम के तहत प्रत्येक सरकारी स्कूल का अपना ई-पोर्टल बनेगा। पोर्टल में स्कूल के बच्चों के नाम और अभिभावकों के नाम और मोबाइल नंबर भी डाले जाएंगे। जो भी शिक्षक कक्षा लेगा वह सेल्फी खींच कर जैसे ही हाजिरी लगाएगा तो अनुपस्थित विद्यार्थी के अभिभावक के माबोइल इसकी सूचना उसी पल चली जाएगी। इससे यदि कोई विद्यार्थी कक्षा को बंक भी करता है तो उसके बारे में भी पता चलेगा।
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मंडी में चलाया था पायलट प्रोजेक्ट
यह सिस्टम मंडी की संस्था सोशल कंप्यूटर एंड एजुकेशन सोसायटी ने तैयार किया है। सोसायटी ने दो वर्ष पहले इसे शिक्षा विभाग के साथ मिलकर मंडी के 600 स्कूलों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया था। इन स्कूलों में यह प्रोजेक्ट सफल रहा था। अब सोसायटी ने इसे पूरे प्रदेश में शुरू करने के लिए राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा है।
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प्रदेश सरकार मॉनिटरिंग सिस्टम को लेकर अभी तैयारी की जा रही है। प्रदेश सरकार से मंजूरी मिलने के बाद ही अगली प्रक्रिया आरंभ होगी।
-डॉ. अरुण शर्मा, शिक्षा सचिव।