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हिमाचल में निवेश के लिए बनेगा प्राधिकरण

हिमाचल में निवेश के लिए प्राधिकरण बनेगा।

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Nov 2019 10:32 PM (IST)Updated: Thu, 14 Nov 2019 06:24 AM (IST)
हिमाचल में निवेश के लिए बनेगा प्राधिकरण
हिमाचल में निवेश के लिए बनेगा प्राधिकरण

राज्य ब्यूरो, शिमला : धर्मशाला में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट की सफलता धरातल पर तब उतरेगी, जब सरकार तपोवन में होने वाले शीतकालीन सत्र में विधेयक लाएगी। शीतकालीन सत्र में इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन अथॉरिटी का गठन करने के लिए विधेयक लाया जाएगा। हिमाचल में इस तरह के प्राधिकरण का गठन आंध्र प्रदेश की तर्ज पर किया जा रहा है।

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प्राधिकरण का गठन होने के बाद यह निवेश की संभावनाओं को धरातल पर उतारने में सहायक होगा। राज्य सरकार इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन अथॉरिटी की जिम्मेदारी आइएएस अधिकारी को सौंपेगी। उसके साथ ही 93 हजार करोड़ रुपये के एमओयू का निवेश संभव होगा। यह प्राधिकरण कानून के दायरे में आएगा तो निवेश से संबंधित काम सरल होगा। प्राधिकरण का कार्य राज्य में निवेश लाना और निवेशकों से निवेश से संबंधित चर्चा करना होगा।

प्राधिकरण में निजी क्षेत्र के लोगों को नियुक्त किया जाएगा। निवेश को लेकर अलग से एक संस्था होने से राज्य में निवेश के मामले में अधिक गंभीरता से काम होगा जो अभी तक सरकारी क्षेत्र के विभाग करने में सक्षम नहीं हैं। इन्वेस्टर्स मीट के बाद अब सरकार ने निवेश से संबंधित एमओयू को धरातल पर उतारने के लिए अगला कदम उठाया है। आंध्र प्रदेश में इस तरह का प्राधिकरण बनाया गया है जो निवेश परियोजनाओं पर केंद्रित कार्य करता है। राज्य में इस प्रकार का प्राधिकरण निवेश को सुनिश्चित करेगा। धर्मशाला में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट में 93 हजार करोड़ रुपये से अधिक के एमओयू हुए। अब इन एमओयू को निवेश में बदलना चुनौतीपूर्ण है।

विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान इससे संबंधित विधेयक लाया जाएगा। इसमें प्राधिकरण के लिए नियमों का निर्धारण होगा। इस प्रकार के प्राधिकरण गठन को लेकर तर्क दिया जा रहा है कि निजी क्षेत्र के पास विशेषज्ञता रहती है। इस प्रकार के विशेषज्ञों ने इन्वेस्टर्स मीट के दौरान राज्य सरकार की मदद की। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने धर्मशाला में इस तरह के प्राधिकरण का गठन करने की घोषणा की थी। सरकार ने इसका खाका तैयार कर लिया है जिसे प्रदेश मंत्रिमंडल की अगली बैठक में पेश किया जाएगा। मंत्रिमंडल की स्वीकृति मिलने के बाद इसे विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा।


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