उद्योगों के लिए कोविड-19 नियम साफ करे सरकार
प्रदेश में उद्योग प्रबंधकों की नींद उड़ी हुई है इसके पीछे कारण ह
राज्य ब्यूरो, शिमला : प्रदेश में उद्योग प्रबंधकों की नींद उड़ी हुई है, इसके पीछे कारण है कि प्रत्येक उद्योग में आइसोलेशन केंद्र बनाना और दूसरा कोई कर्मचारी कोरोना संक्रमित है तो पूरी यूनिट को सील करने का स्पष्ट निर्देश न होना है। पड़ोसी राज्य हरियाणा और उत्तर प्रदेश में सरकारों की ओर से स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं, जिसकी वजह से उद्योगों में किसी प्रकार की कोई शंका नहीं है।
प्रदेश में अभी तक सरकार की ओर से इस तरह की व्यवस्था नहीं की गई है। भारतीय उद्योग परिसंघ के अध्यक्ष कर्नल शैलेष पाठक का कहना है कि दो विषयों को लेकर सरकार की तरफ से अभी तक स्थिति साफ नहीं की है। उन्होंने कहा कि हर उद्योग में आइसोलेशन वार्ड की सुविधा करना मुमकिन नहीं है। छोटे उद्योगों में तो ऐसा करना संभव है, लेकिन जिन उद्योगों में कर्मचारियों की संख्या 500 या इससे अधिक है, वहां पर आइसोलेशन वार्ड बनाना संभव नहीं है। ऐसे में ईएसआइ अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड स्थापित करना उचित रहेगा। दूसरा, जिस उद्योग में कर्मचारी की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव है, उसका वही हिस्सा सील होना चाहिए। सैनिटाइजेशन के बाद 48 घंटों में गतिविधियां संचालित होनी चाहिए। उनका कहना है कि प्रत्येक उद्योग प्रबंधन चाहता है कि प्रदेश सरकार सभी जिलों के लिए एक समान निर्देश दें। अतिरिक्त मुख्य सचिव आरडी धीमान ने बताया कि जिला प्रशासन को निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया है। स्थानीय स्तर पर प्रशासन तय करेगा कि किस तरह की व्यवस्था रखनी है।
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सराहनीय होगा नगर निगम बनाना
यदि बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ विकास प्राधिकरण (बीबीएनडीए) को नगर निगम बनाया जाता है तो उद्योगों की अधिकांश समस्याएं हल हो जाएंगी। अभी तक बीबीएनडीए का कुछ हिस्सा साडा के तहत आता है तो कुछ हिस्से में टीसीपी के पास जाना पड़ता है और कई औपचारिकताएं उद्योग विभाग के पास पूरी होती हैं। यदि इस क्षेत्र को नगर निगम का दर्जा दिया जाता है तो सराहनीय कदम होगा।