जानलेवा हुआ औद्योगिक प्रदूषण
औद्योगिक क्षेत्र बद्दी- बरोटीवाला- नालागढ़ के नदी- नाले प्रदूषित हो गए हैं। उद्योगों से निकलने वाले जहरीले कचरा जानलेवा साबित हो रहा है। बुधवार को यह मामला सदन में उठा। मूल सवाल कांग्रेस विधायक लख¨वद्र ¨सह राणा ने पूछा था। लेकिन सत्ता पक्ष के विधायक परमजीत ¨सह पम्मी ने अपने ही सरकार को घेरने का कार्य किया। उन्होंने जल प्रदूषण चैक करने वाली विभागीय टीम पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि एक साल में एक ही पंचायत में कैंसर से 7 मौतें हो गई है। पशु भी बीमारी की चपेट में हैं। जैसे ही विभाग की टीम मौके पर आती है, वैसे ही सामान्य प्रवाह उपचार संयंत्र चालू हो जाते हैं। इनके वापस जाने के बाद इन्हे बंद कर दिया जाता है।
राज्य ब्यूरो, शिमला : औद्योगिक क्षेत्र बद्दी बरोटीवाला नालागढ़ (बीबीएन) के नदी-नाले प्रदूषित हो गए हैं। उद्योगों से निकलने वाला जहरीला कचरा जानलेवा साबित हो रहा है। बुधवार को यह मामला सदन में उठा। मूल सवाल कांग्रेस विधायक लख¨वद्र ¨सह राणा ने पूछा था। लेकिन सत्ता पक्ष के विधायक परमजीत ¨सह पम्मी ने जल प्रदूषण चेक करने वाली विभागीय टीम पर भी सवाल उठाए।
उन्होंने कहा कि एक साल में एक ही पंचायत में कैंसर से सात लोगों की मौत हो गई है। पशु भी बीमार हो रहे हैं। जैसे ही विभाग की टीम मौके पर आती है, वैसे ही सामान्य प्रवाह उपचार संयंत्र (ट्रीटमेंट प्लांट) चालू हो जाते हैं। टीम के वापस जाने के बाद इन्हें बंद कर दिया जाता है। लख¨वद्र ¨सह राणा ने कहा कि नालागढ़ उपमंडल के नदी-नालों का पानी न पशु पी पाते हैं और न ही लोग इन पर नंगे पांव चल पाते हैं क्योंकि वे चर्म रोग से पीड़ित हो जाते हैं। उन्होंने जानना चाहा कि सरकार प्रदूषण फैलाने वालों उद्योगों के खिलाफ क्या कार्रवाई कर रही है? 12 उद्योगों पर कार्रवाई
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि वर्ष 2018-19 में 12 औद्यौगिक इकाइयों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। इन इकाइयों का संचालन रोक दिया गया था। बाद में सुधार करने पर संचालन कार्य बहाल किया गया। इसके अलावा 15 इकाइयों ने उपचार संयत्रों को अपग्रेड किया। सभी नदी-नालों के पानी की गुणवत्ता की नियमित जांच की जा रही है। प्रदूषण की प्रमुख वजह अनुपचारित सीवर है। केंदुवाल में संयंत्र
नालागढ़ उपमंडल में जल प्रदूषण से संबंधित 576 उद्योग हैं। इनमें से 412 औद्योगिक इकाइयां बद्दी-बरोटीवाला में हैं। ये केंदुवाल स्थित सामान्य प्रवाह उपचार संयंत्र के जलग्रहण क्षेत्र में आती हैं। शेष 164 औद्योगिक इकाइयां नालागढ़ क्षेत्र में हैं। ये इस संयंत्र के जल ग्रहण क्षेत्र से बाहर हैं। जल प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए सरकार के सहयोग से मैसर्ज बद्दी इंफ्रास्ट्रक्टर द्वारा केंदुवाल गांव में संयंत्र लगाया गया है। जल प्रदूषण पर सहन नहीं कोताही
मुख्यमंत्री ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र से लगातार सैंपल एकत्रित किए जाते हैं। अगर जल प्रदूषण हो रहा है तो कोताही सहन नहीं होगी। जिम्मेदार इकाई के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। विधायक उन्हें संबंधित क्षेत्र बताएं, वहां टीम भेज दी जाएगी।