Move to Jagran APP

जम्मू-कश्मीर से सटे हिमाचल के सीमावर्ती इलाकों में बढ़ा सुरक्षा घेरा

जम्मू-कश्मीर से सटे चंबा में आतंरिक सुरक्षा घेरा और कड़ा हो गया है, 22 नए विशेष पुलिस अधिकारियों की भर्ती भी की गई है।

By Edited By: Published: Wed, 17 Oct 2018 05:18 PM (IST)Updated: Thu, 18 Oct 2018 09:18 AM (IST)
जम्मू-कश्मीर से सटे हिमाचल के सीमावर्ती इलाकों में बढ़ा सुरक्षा घेरा

राज्य ब्यूरो, शिमला। आतंक प्रभावित जम्मू-कश्मीर राज्य से सटे हिमाचल के चंबा जिले में आतंरिक सुरक्षा घेरा और कड़ा हो गया है। 22 नए विशेष पुलिस अधिकारियों (एसपीओ) की भर्ती की गई है। इससे पुलिस का खुफिया नेटवर्क और पुख्ता होगा। अब एसपीओ की तादाद 478 तक पहुंच गई है। इनकी भर्ती केंद्र प्रायोजित योजना से की जाती है। पब्लिक फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम लागू होने से इनका मानदेय अब इनके बैंक खातों में आएगा।

loksabha election banner

यह मामला गृह विभाग की हाल ही में हुई समीक्षा बैठक में उठा था। तब पुलिस विभाग ने कहा था कि वह केंद्र के निर्देशों को जल्द लागू करेगी। बैठक के बाद इन निर्देशों पर अमल हो गया है। केंद्र ने एसपीओ का मानदेय बढ़ाकर छह हजार रुपये कर दिया है, जबकि नए भर्ती एसपीओ को एक साल तक पांच हजार रुपये ही मिलेंगे। ये पद खाली हो गए थे। कुछ ने त्यागपत्र दिए थे, तो कुछ की मौत हो गई थी। चंबा की जम्मू-कश्मीर के डोडा, किश्तवाड़ और कठुआ से 167 किलोमीटर लंबी सीमा लगती है।

केंद्र का आधा हिस्सा एसपीओ का मानदेय आधा केंद्र देता है और आधा हिमाचल। यह योजना दो दशक से चल रही है। 1998 में चंबा के सतरुंडी-कालावन में आतंकियों ने 35 व्यक्तियों की नृशंस हत्या कर दी थी। इसके बाद से एसपीओ की भर्ती कर गई थी।

छोटी पगार, बड़ी जिम्मेदारी एसपीओ को सरकार बेशक छोटी पगार दे रही हो, लेकिन इनकी भूमिका बड़ी है। ये आतंकवाद की चुनौतियों से लड़ने के लिए इंटेलीजेंस इनपुट देते हैं। ये क्षेत्र की विकट भौगोलिक परिस्थितियों को भली-भांति समझते हैं। संदिग्ध व्यक्ति के आने की तत्काल सूचना मिल जाती है। ये सुरक्षा कार्य में भी पुलिस की मदद करते हैं।

अग्रिम चौकियां नीचे सरकी चंबा में जम्मू-कश्मीर से लगती अग्रिम चौकियां अब नीचे सरक गई हैं। ऊं ची धारों पर सर्दी के मौसम में भारी हिमपात होता है। ऐसे में चंबा पुलिस, अग्रिम चौकियों पर तैनात आइआरबी के जवान अलर्ट पर हैं।

कितनी आतंकी घटनाएं घटी चंबा में 1993 के बाद आतंकवाद से जुड़ी करीब 15 घटनाएं सामने आई हैं। 2010 के बाद चंबा पूरी तरह से शांत है, लेकिन सुरक्षा, खुफिया एजेंसियों की पैनी नजर रहती है।

सुरक्षा की दृष्टि से चंबा पुलिस अलर्ट पर है। हमारी सीमाएं पूरी तरह से सुरक्षित हैं। एसपीओ की नई भर्ती से सुरक्षा और मजबूत होगी। अब उनका मानदेय बैंक खातों में डालना शुरू कर दिया है।

-रमन शर्मा, एडिशनल एसपी चंबा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.