Move to Jagran APP

Himachal Weather Today: पहले सूखे ने सताया अब बरसात ने रुलाया, भीषण बारिश-बर्फबारी की चपेट में हिमाचल, आगे कैसा रहेगा मौसम

Himachal Weather Today हिमाचल प्रदेश में दो माह से सूखे जैसी स्थिति है लेकिन अब पानी बरस रहा है। फरवरी में पांच दिन हुई वर्षा ने दिसंबर व जनवरी के सूखे की भरपाई कर दी है। किन्नौर लाहुल स्पीति व चंबा जिलों में सामान्य से 53 से 76 प्रतिशत कम वर्षा हुई। प्रदेश में सबसे अधिक वर्षा कुल्लू में 105.7 मिलीमीटर हुई। इसमें 10 मिलीमीटर वर्षा 31 जनवरी को हुई।

By Jagran News Edited By: Prince Sharma Published: Tue, 06 Feb 2024 07:47 AM (IST)Updated: Tue, 06 Feb 2024 07:47 AM (IST)
Himachal Weather Today: पहले सूखे ने सताया अब बरसात ने रुलाया

Click here to enlarge image

loksabha election banner

से 76 प्रतिशत
कम वर्षा सामान्य से हुई किन्नौर, लाहुल स्पीति और चंबा में

मनाली की ऊझी घाटी का पलचान गांव, यहां चार फीट से अधिक बर्फ गिरी है l जागरण

दो माह के सूखे पर पांच दिन का पानी

यादवेन्द्र शर्मा, शिमला। हिमाचल प्रदेश में दो माह से सूखे जैसी स्थिति है लेकिन अब पानी बरस रहा है। फरवरी में पांच दिन हुई वर्षा ने दिसंबर व जनवरी के सूखे की भरपाई कर दी है। इन पांच दिनों में सामान्य से 72 प्रतिशत से 1341 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई। सात जिलों बिलासपुर, हमीरपुर, कुल्लू, मंडी, शिमला, सिरमौर व सोलन में जनवरी व फरवरी में होने वाली सामान्य वर्षा से पांच से 39 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है।

कुल्लू में 95 फीसदी हुई वर्षा

किन्नौर, लाहुल स्पीति व चंबा जिलों में सामान्य से 53 से 76 प्रतिशत कम वर्षा हुई। प्रदेश में सबसे अधिक वर्षा कुल्लू में 105.7 मिलीमीटर हुई। इसमें 10 मिलीमीटर वर्षा 31 जनवरी को हुई। प्रदेश में जनवरी में सामान्य से 98 प्रतिशत कम वर्षा हुई। जिलों के आधार पर कुल्लू में 95 प्रतिशत कम जबकि अन्य जिलों में 98 से 99 प्रतिशत कम वर्षा हुई।

किन्नौर में सामान्य से 76 फीसदी कम बारिश हुई

फरवरी में पांच दिनों की वर्षा का असर यह है कि अब सामान्य से 33 प्रतिशत कम वर्षा का अंतर रह गया है। प्रदेश के पांच जिलों में पांच दिनों में 27 से 74 मिलीमीटर वर्षा होने के बावजूद चंबा में सामान्य से 53 प्रतिशत कम, लाहुल स्पीति में 57 प्रतिशत कम और किन्नौर में सामान्य से 76 प्रतिशत कम वर्षा हुई है।

कृषि व बागवानी को संजीवनी 

प्रदेश में कम वर्षा होने से सूखे जैसी स्थिति हो गई थी। फरवरी में हुई वर्षा ने कृषि व बागवानी के लिए संजीवनी का काम किया है। रबी की फसल जैसे गेहूं मटर, चना व सरसों के बेहतर होने की उम्मीद है। सेब की बेहतर पैदावार के लिए 31 जनवरी से 400 से 1600 चिलिंग आवर्स जरूरी हैं। चिलिंग आवर्स के लिए तापमान छह डिग्री सेल्सियस से कम रहना चाहिए। हिमपात के कारण अब चिलिंग आवर्स पूरे होने की उम्मीद बंधी है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.