लक्कड़ बाजार में रातोंरात बना डाला ढारा
शिमला शहर में नगर निगम की नाक तले जमकर अवैध निर्माण हो रहा है। लोअर बाजार, मालरोड़ के बाद अब लक्कड़ बाजार में अवैध निर्माण का मामला सामने आया है। इतना ही नहीं कई पेड़ों को भी अवैध ढारा निर्माण के लिए क्षति पहुंचाई गई है।
जागरण संवाददाता, शिमला : शिमला शहर में नगर निगम की नाक के नीचे जमकर अवैध निर्माण हो रहा है। लोअर बाजार, मालरोड के बाद अब लक्कड़ बाजार में अवैध निर्माण का मामला सामने आया है। कई पेड़ों को भी अवैध ढारा निर्माण के लिए क्षति पहुंचाई गई है। कुछ पेड़ों की टहनियां काटी गई हैं तो कुछ को ढारे के अंदर ही ले लिया है। लक्कड़ बाजार में किसी ने रातोंरात एक दो मंजिले ढारे का निर्माण कर दिया। हैरत की बात है कि नगर निगम प्रशासन इससे अनभिज्ञता जता रहा है। हालांकि अतिरिक्त निगम आयुक्त और रूल्दु भट्टा की पार्षद भी इसी वार्ड में रहती हैं। तीन दिन से लगातार निर्माण कार्य रात को किया जा रहा है, लेकिन किसी की नजर इस पर नहीं गई या फिर जान बूझ कर इसे अंदेखा किया जा रहा है।
नेताओं और रसूखदारों की शह पर हो रहा अवैध निर्माण शहर में नगर निगम की संपत्तियों में जमकर अवैध निर्माण हो रहा है। वर्तमान में 30 फीसदी संपत्तियां ऐसी हैं जिनमें अवैध निर्माण हो चुका है। उधर, नगर निगम भी इन्हें नहीं रोक रहा। नेताओं और रसूखदारों की शह पर निगम की दुकानों पर भी अतिक्रमण किया जा रहा है। हालत ऐसी है कि कारोबारियों ने अवैध निर्माण कर दुकानें तो बढ़ा ली हैं। लेकिन निगम की कार्रवाई के अभाव में इन पर कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई है।
वहीं, सरकारी जमीन सुरक्षित रहे, इसके लिए शासन ने विभागों को आदेश दिए हैं कि अधिकारी विभाग की जमीन पर कोई कब्जा न होने दे। इतना ही नहीं, शासन ने यह भी निर्देश दिए हैं कि यदि कोई जबरन जमीन पर कब्जा कर रहा है तो शिकायत दर्ज कराएं और उस पर सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाए। लेकिन शिमला में अवैध कब्जों की तरफ नगर निगम प्रशासन आंखें बंद किए हुए है। यही वजह है कि अवैध कब्जाधारियों के हौसले बुलंद हैं और वह बेखौफ होकर सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे कर रहे हैं।
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ग्रीन एरिया में पेड़ को नुकसान पहुंचाना है अपराध
शिमला का लक्कड़ बाजार क्षेत्र ग्रीन एरिया में आता है। यहां पर पेड़ काटना और इनको नुकसान पहुंचाना गैर कानूनी है। रूल्दु भट्टा वार्ड में बैखौफ जहां पेड़ों को नुकसान पहुंचाया गया है। अवैध ढारे के अंदर ही पेड़ों को ले लिया गया है। न तो वन विभाग ने इसकी सुध ली और न ही नगर निगम प्रशासन कुछ कर पा रहा है।
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ऐसी कोई जानकारी नहीं है, यदि ऐसा है तो तुरंत प्रभाव से दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
-कुसुम सदरेट, महापौर शिमला।