रैगिंग मामले की जांच बंद
आइजीएमसी शिमला में एमबीबीएस के प्रशिक्षु छात्रों से रैगिंग मामले में जाच एक म
अजय बन्याल, शिमला
आइजीएमसी शिमला में एमबीबीएस के प्रशिक्षु छात्रों से रैगिंग मामले में जाच एक महीने के भीतर ही बंद हो गई है। सूत्रों के मुताबिक एमबीबीएस के प्रशिक्षु छात्र ने कोर्ट में बयान देकर जांच का रुख ही बदल दिया है। प्रशिक्षु छात्र ने बयान दिया कि उनके साथ रैगिंग नहीं हुई थी। इस बयान के बाद पुलिस ने मामले की जांच को बंद करने का फैसला लिया। अब पुलिस क्लोजर रिपोर्ट बनाएगी। ऐसे में आरोपित छात्रों को राहत मिली है।
असल में आइजीएमसी में प्रबंधन को ऑनलाइन शिकायत मिली थी। इसके बाद प्रिसिंपल कार्यालय में एक ऑडियो सीडी मिली थी। कॉलेज प्रबंधन द्वारा पुलिस को मुहैया करवाई गई ऑडियो सीडी में एक घटे की रिकॉर्डिग है। ऑडियो सीडी में चारों लड़के ऊंची आवाज में बातें करते हुए सुनाई दे रहे हैं। अन्य लड़के धीमी आवाज में बात कर रहे हैं। ऑडियो में ऊंची आवाज में गालिया भी सुनाई दे रही हैं। वहीं लड़कों के नाम भी पुकारे जा रहे हैं। पुलिस के पास जो रिकॉर्ड मिला है उसमें शिकायतकर्ता का कोई भी जिक्र नहीं किया था। ऐसे में अब पुलिस ने शिकायतकर्ता तक पहुंचने के लिए पहले एंटी रैगिंग हेल्पलाइन से संपर्क किया। जब पुलिस ने आरोपित का कोर्ट में बयान दर्ज करवाया तो शिकायतकर्ता ने बयान ही पलट दिया।
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शिकायतकर्ता छात्र ने कोर्ट में बयान दे दिया है। अब मामले की जांच बंद हो चुकी है।
-प्रमोद शुक्ला, डीएसपी।
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यह थी शिकायत
छात्र ने ऑनलाइन शिकायत की थी। शिकायतकर्ता छात्र फ्रेशर पार्टी की पूर्व संध्या के दौरान तैयारियों में लगा हुआ था। इस दौरान ही द्वितीय वर्ष के छात्रों द्वारा रैगिंग की बात सामने आई है। इस घटना के बाद आइजीएमसी प्रशासन पर भी सवाल उठ रहे थे। मेडिकल कॉलेज में छात्रों को फ्रेशर्स पार्टी की अनुमति रात नौ बजे तक थी। रात नौ बजे के करीब सभी शिक्षक पार्टी से चले गए, लेकिन छात्रों की यह पार्टी सुबह चार बजे तक चलती रही। छात्र ने शिकायत आइजीएमसी प्रबंधन को नहीं की। बल्कि एंटी रैगिंग कमेटी की हेल्पलाइन पर इसकी ऑनलाइन शिकायत कर दी। इसके बाद हेल्पलाइन ने तथ्यों को खंगालते हुए छात्र की पहचान छुपाते हुए कॉलेज प्राचार्य को ई मेल भेजी। वहीं दूसरी कॉपी प्रदेश सरकार और पुलिस मुख्यालय को भेजी थी। फिर आइजीएमसी प्रशासन ने दो बैठकों के बाद चारों आरोपित छात्रों से पूछताछ करके सस्पेंड कर दिया और मामला पुलिस को भेज दिया। थाना सदर में पुलिस ने रैगिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है।