आइस स्केटिंग रिंक पर मौसम की फिसलन
राजधानी में आइस स्केटिंग रिंक में मौसम ने फिर से खलल डाल दिया है
जागरण संवाददाता, शिमला : राजधानी में आइस स्केटिंग रिंक में मौसम ने फिर से खलल डाल दिया है। मुश्किल से इस वर्ष बर्फ जमी थी और समय पर स्केटिंग शुरू हुई थी लेकिन अब बादलों के डेरा डालने से स्केटर बाहर से आइस स्केटिंग रिंक को निहार रहे हैं। आम तौर पर नवंबर के अंतिम सप्ताह में आइस स्केटिंग रिंक आम लोगों के लिए खुल जाता था लेकिन मौसम का बदला मिजाज से इंतजार लंबा होता चला गया। दिसंबर में स्केटिंग शुरू हो गई थी और बड़ी संख्या में बच्चे इसमें भाग ले रहे थे। युवाओं ने भी पंजीकरण करवा कर स्केटिंग के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे पर फिर मौसम खराब हो गया और स्केटिंग बंद हो गई है।
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पंजीकृत सदस्यों के साथ पयर्टक भी करते हैं स्केटिंग
आइस स्केटिंग रिंक में 200 के करीब बच्चे प्रतिदिन प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं, जबकि 400 सदस्य स्केटिंग रिंक के हैं। इसके अलावा दूसरे राज्यों से आने वाले पर्यटक भी स्केटिंग का आनंद लेते हैं। इनसे प्रतिदिन के 300 रुपये क्लब चार्ज करता है। मौसम के खलल के बाद प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे बच्चों सहित क्लब के सदस्य मायूस है। पर्यटकों भी हालांकि यहां आ रहे हैं लेकिन स्केटिंग बंद होने लौट जा रहे हैं।
नवंबर के अंतिम माह में शरू हो जाती थी स्केटिंग
शिमला के प्राकृतिक आइस स्केटिंग रिंक में नवंबर में स्केटिंग शुरू हो जाती थी। कुछ वर्षो से मौसम अनुकूल नहीं है। इस कारण दिसंबर या जनवरी में ही स्केटिंग शुरू हो पा रही है। इस वर्ष 15 दिसंबर के बाद स्केटिंग शुरू कर दी गई थी। काफी अच्छे सेशन चले लेकिन बीते दो दिनों से मौसम खराब होने के कारण स्केटिंग पर फिर से ब्रेक लग गई है। इससे स्केटिंग प्रेमी मायूस है।
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फीस सीजन भर की प्रशिक्षण एक माह भी नहीं
आइस स्केटिंग रिंक में उतरने वाले बच्चों से हर साल पूरे सीजन की फीस ली जाती है जबकि प्रशिक्षण के नाम पर बच्चों को एक माह भी मुश्किल से मिल पाता है। आइस स्केटिंग सीखने वाले बच्चे इससे काफी निराश हैं। बच्चों से हर सीजन 1500 रुपये स्केट्स की सिक्योरिटी और 600 रुपये सीजन फीस के तौर पर लिए जाते हैं। अभिभावक कहते हैं कि अगर मौसम खराब रहता है कि तो कुछ राहत क्लब को जरूर देनी चाहिए।
स्केटिंग मौसम के मिजाज पर ही निर्भर करती है। मौसम अनुकूल होते ही स्केटिंग शुरू कर दी जाती है। मौसम अनुकूल रहा तो आगे भी जल्द ही स्केटिंग शुरू कर दी जाएगी। क्लब के सदस्यों के केवल स्केटिंग सीजन की फीस ली जाती है। जब तक रिंक में बर्फ जमी रहती तब तक बच्चों को प्रशिक्षण दिया जाता है।
भुवनेश बांगा, सचिव आईस स्केटिंग रिंक।