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एचआरटीसी भर्ती धांधली: होगी एफआइआर, नपेंगे अधिकारी

 एचआरटीसी प्रबंधन ने डील ही नहीं की थी शिकायतें, दैनिक जागरण ने उजागर किया मामला, रद हुई है भर्ती।

By BabitaEdited By: Published: Mon, 01 Oct 2018 08:29 AM (IST)Updated: Mon, 01 Oct 2018 08:29 AM (IST)
एचआरटीसी भर्ती धांधली: होगी एफआइआर, नपेंगे अधिकारी
एचआरटीसी भर्ती धांधली: होगी एफआइआर, नपेंगे अधिकारी

शिमला, राज्य ब्यूरो। हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) में अधीनस्थ लेखा सेवाओं से संबंधित सेक्शन ऑफिसरोंं (एसओ-एसएएस) की भर्ती में हुई धांधली पर जल्द एफआइआर हो सकती है। प्रदेश सरकार इस मामले में निगम के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करेगी। जांच रिपोर्ट के आधार पर हाल ही में भर्ती को रद कर दिया था।

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‘दैनिक जागरण’ ने 22 सितंबर को ‘एचआरटीसी अफसरों की भर्ती में धांधली’ शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। पता चला है कि पूर्व कांग्रेस सरकार ने शिकायतों को डील ही नहीं किया था। यही चूक तत्कालीन निगम प्रबंधन पर भारी पड़ेगी। पूर्व सरकार के कार्यकाल के दौरान कायदे कानून को दरकिनार कर कंडक्टर और क्लर्क, क्लास टू ऑफिसर चयनित किए। मौजूदा सरकार के माध्यम से गठित तीन सदस्यीय जांच कमेटी ने पाया कि लिखित परीक्षा में गड़बड़ियां हुई हैं। इसकी गोपनियता पर भी सवाल उठाए गए। जांच रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने इस भर्ती को रद कर दिया। पेपर सेटर एजेंसी पहले तय की गई, जबकि बीओडी की बैठक बाद में हुई, यानी निगम प्रबंधन ने इस बैठक से पहले ही पिछले साल छह फरवरी को एजेंसी तय कर ली गई। बीओडी में फैसला 16 फरवरी को लिया।

पेपर सेटर करने वाले को 74,500 रुपये फीस दी जानी थी। जब फीस चुकाने की बारी आई तो दो अलग व्यक्तियों के नाम पर पैसा जमा करवाने को कहा गया। प्रशासनिक ट्रिब्यूनल में चल रही सुनवाई धांधलियां बरतने के मामले की प्रशासनिक ट्रिब्यूनल में सुनवाई चल रही है। अभी कोर्ट का इस पर निर्णय नहीं आया है। इस मामले पर निगम के अधिकारी भी नजर बनाए हुए हैं।

भर्ती मामले को लेकर तत्कालीन एमडी, ईडी, वित्त सलाहकार समेत इसे जुड़े अफसरों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की जाए। पहले शिकायत करने वालों को ही प्रताड़ित किया जाता रहा, अगर प्रबंधन ने ऐसा नहीं किया तो संघ शिमला में खुद एफआइआर दर्ज करवाएगा।

-शंकर सिंह ठाकुर, प्रदेशाध्यक्ष, हिमाचल परिवहन मजदूर संघ।

चहेतों की भर्ती का आरोप

आरोप है कि इसमें तत्कालीन सरकार के चहेतों की भर्ती की । आरएंडपी रूल्स की अनदेखी की गई। परीक्षा राज्य लोक सेवा आयोग के माध्यम से नहीं करवाई गई। इसे निगम ने अपने स्तर पर करवाया। इसके लिए आयोग का ही हॉल बुक करवाया गया। भर्ती में रोस्टर का भी ध्यान नहीं रखा गया।

11 पदों के लिए किया था 83 ने आवेदन

11 पदों के लिए एचआरटीसी के 83 कर्मचारियों ने आवेदन किए। ये कंडक्टर और क्लर्क थे। पहले नौ पद भरे जाने थे। बाद में बीओडी ने 11 पद भरने की स्वीकृति दी। पदों को भरने के लिए उचित  प्रचार भी नहीं किया गया। एसओ(एसएएस) क्लास टू राजपत्रित अधिकारी कहलाता है।


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