बस चालकों का स्वास्थ्य रामभरोसे
हिमाचल प्रदेश में बस चालकों का स्वास्थ्य राम भरोसे है।
राज्य ब्यूरो, शिमला
हिमाचल प्रदेश में बस चालकों का स्वास्थ्य रामभरोसे है। हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) में चालकों का केवल आइ टेस्ट (आंखों की जांच) ही अनिवार्य है। वह भी उन चालकों का जिनकी उम्र 55 या इससे अधिक हो। उन्हें साल में एक बार जांच करवानी होती है। हालांकि पूरे शरीर की जांच करने का कोई पुख्ता तंत्र विकसित नहीं किया है।
निजी बस चालकों के हाल तो और भी बेहाल हैं। परिवहन विभाग इनसे पांच साल में तभी मेडिकल मांगता है, जब ड्राइविग लाइसेंस रिन्यू होता है। इससे बसों में यात्रा करने वाली सवारियों की जिदगी के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। कांगड़ा में गत दिनों एचआरटीसी के चालक को दिल का दौरा पड़ा। गनीमत यह रही कि बस रुक गई, नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था। स्वास्थ्य की जांच किए बगैर चालक सड़कों पर बसें दौड़ा रहे हैं। परिवहन निगम के चालकों को साप्ताहिक अवकाश तक नहीं मिल पाता है। कानून उन्हें दसवें दिन तो हर हाल में अवकाश देना होता है। एचआरटीसी में बसों का बेड़ा
प्रदेश में एचआरटीसी के पास 3200 बसों का बेड़ा है। इतनी ही निजी बसें भी हैं। परिवहन निगम ने बसों का बेड़ा तो बढ़ाया, पर चालकों के पद सृजित नहीं किए गए। निजी बसों में तो कायदे-कानून वैसे ही ठेंगे पर रहते हैं। वहां सर्विस कंडीशन अत्यधिक खराब है। एचआरटीसी प्रबंधन अपने कर्मचारियों के स्वास्थ्य की जांच के लिए शिविर लगाने के दावा कर रहा है। हालांकि हकीकत में लंबे अरसे से कहीं पर भी स्वास्थ्य जांच शिविरों का आयोजन नहीं हुआ है। ----------
55 साल की उम्र तक पहुंचने के बाद चालकों के लिए आंखों का टेस्ट करवाना अनिवार्य है। उनकी सेहत की भी जांच होती है। पिछले साल शिमला में शिविर लगाया था, जिसमें आइजीएमसी के डॉक्टरों ने चेकअप किया था। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि चालकों की जांच नियमित आधार पर हो।
पंकज सिघल, डीएम, ट्रैफिक, एचआरटीसी --------
निजी बसों के चालकों की पांच साल में तभी मेडिकल जांच होती है, जब लाइसेंस रिन्यू करवाना होता है। संघ की मांग है कि साल में कम से कम दो बार जागरूकता शिविर लगें। साथ ही बस चालकों के स्वास्थ्य की जांच भी हो।
रमेश कमल, महासचिव, निजी बस ऑपरेटर संघ
--------------
बस चालकों के स्वास्थ्य की उचित जांच की व्यवस्था हो। उन्हें हर हाल में साप्ताहिक अवकाश मिले। चालकों के स्वास्थ्य की हर साल जांच हो, ताकि सवारियों की जिंदगी से किसी प्रकार का खिलवाड़ न हो।
शंकर सिंह ठाकुर, अध्यक्ष, परिवहन मजदूर संघ