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वनरक्षक मामला: होशियार की न हत्या हुई न आत्महत्या के लिए विवश किया

Hoshiyar singh Murder case एसआइटी ने वनरक्षक होशियार सिंह की मौत मामले में क्लोजर रिपोर्ट तैयार की है। जांच में यह साबित नहीं हो पाया कि वन काटुओं ने कथित तौर पर हत्या की है।

By BabitaEdited By: Published: Mon, 18 Feb 2019 11:29 AM (IST)Updated: Mon, 18 Feb 2019 11:29 AM (IST)
वनरक्षक मामला: होशियार की न हत्या हुई न आत्महत्या के लिए विवश किया
वनरक्षक मामला: होशियार की न हत्या हुई न आत्महत्या के लिए विवश किया

शिमला, राज्य ब्यूरो। Hoshiyar singh Murder case मंडी जिले के करसोग की सेरी कतांडा बीट में बहुचर्चित वन रक्षक होशियार सिंह की मौत मामले में सीबीआइ के हाथ खाली हैं। देश की सर्वोच्च जांच एजेंसी को न तो हत्या और न ही आत्महत्या के लिए विवश करने के पुख्ता सुबूत मिल पाए हैं।

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सूत्रों के अनुसार एसआइटी ने इस केस में क्लोजर रिपोर्ट तैयार की है। जांच में यह साबित नहीं हो पाया कि वन काटुओं ने कथित तौर पर हत्या की है। आत्महत्या के लिए मजबूर करने से जुड़ी धारा 306 भी सही नहीं पाई गई है। अब इससे संबंधित फाइल सीबीआइ के निदेशालय को भेजी गई है। जैसे ही स्वीकृति मिलेगी, इसे कोर्ट में दाखिल किया जाएगा। हां, वन कटान का मामला ही साबित हो पाया है।

जांच रिपोर्ट की कानूनी जांच भी पूरी हो गई है। अब इस केस में कोई भी बड़ा खुलासा नहीं हो पाएगा। यह मामला सीधे तौर पर आत्महत्या का ही निकला है। गौर रहे कि इस घटना ने हिमाचल को हिला दिया था। इसी से जुड़े अवैध वन कटान के दो मामलों की जांच पूरी हो चुकी है। इसमें से एक मामले में तीन आरोपितों की गिरफ्तारियां हुई थी जो कोर्ट से जमानत पर हैं। 

जून 2017 को जंगल में हुई थी मौत

जून 2017 में होशियार सिंह की संदिग्ध हालत में मौत हुई थी। पुलिस को नौ जून को पेड़ से उल्टे टंगा शव बरामद हुआ था। पुलिस ने पहले हत्या का मामला दर्ज किया और अगले दिन इसे आत्महत्या के लिए उकसाने की धारा में तब्दील कर दिया गया। इससे क्षेत्र के लोग भड़क गए। उन्होंने सड़क पर उतरपर पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन किया। हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआइ की शिमला ब्रांच ने उसी साल 26 अक्टूबर को तीन केस दर्ज किए थे। इनमें से दो केस वन कटान और एक हत्या का था। 

दादी को की थी अंतिम कॉल पांच जून को दोपहर के समय एक बजकर 17 मिनट पर होशियार सिंह ने अपनी दादी को अंतिम फोन कॉल की थी। तब वह मौका-ए-वारदात के नजदीक ही रहा होगा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला था कि पांच जून को वन रक्षक ने शिक्षक पवन के घर में सुबह चावल, दाल, स्लाद, आलू मिक्स आदि का भोजन किया। भोजन आठ बजकर 45 मिनट से पहले किया गया। शव नौ जून को मिला। अगले दिन पोस्टमार्टम हुआ। इस दौरान यह भोजन उसके पेट में ही पाया गया।


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