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हिमाचल के दिव्यांग विद्यार्थियों ने रचा इतिहास

हिमाचल के दिव्यांग विद्यार्थियों ने यूजीसी की जेआरएफ और नेट परीक्षा उत्तीर्ण कर इतिहास रचा है, दो विद्यार्थियों ने जेआरएफ और सात ने नेट पास किया।

By BabitaEdited By: Published: Thu, 10 Jan 2019 12:14 PM (IST)Updated: Thu, 10 Jan 2019 12:14 PM (IST)
हिमाचल के दिव्यांग विद्यार्थियों ने रचा इतिहास
हिमाचल के दिव्यांग विद्यार्थियों ने रचा इतिहास

शिमला, जेएनएन। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के दिव्यांग विद्यार्थियों ने एक बार फिर यूजीसी की जेआरएफ और नेट परीक्षा उत्तीर्ण कर इतिहास रचा है। इस बार दो विद्यार्थियों ने जेआरएफ और सात ने नेट पास किया। नेट में सफल होने वालों में  पांच दृष्टिबाधित विद्यार्थी शामिल हैं। कुलपति प्रो. सिकन्दर कुमार ने सभी सफल दिव्यांग विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय दिव्यांगों को आरक्षण समेत सभी जरूरी सुविधाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है।

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हिमाचल प्रदेश राज्य विकलांगता सलाहकार बोर्ड और विश्वविद्यालय की कार्यकारिणी परिषद (ईसी) के सदस्य प्रो. अजय श्रीवास्तव ने बताया कि  हिन्दी में एमफिल कर चुकी सवीना जहां और पर्यटन प्रबंधन में पीएचडी के छात्र पंकज शर्मा शारीरिक दिव्यांग हैं और दोनों जेआरएफ हो गए हैं। राजनीति विज्ञान में एमए कर रही दृष्टिबाधित इंदू कुमारी ने पहले प्रयास में ही नेट पास कर लिया।

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के कुल सात दिव्यांग विद्यार्थियों ने नेट उत्तीर्ण किया जिनमें से पांच- अनुज कुमार (अर्थशास्त्र), इंदू कुमारी, विनोद शर्मा एवं जसबीर लुबाना (राजनीति विज्ञान), अजय कुमार (इतिहास) दृष्टिबाधित हैं। इंदू के अलावा शेष सभी ने नेट दोबारा पास किया है। शिक्षा शास्त्र में पीएचडी एवं नेट कर चुकेशारीरिक दिव्यांग राजकुमार ने इस बार राजनीति विज्ञान में नेट उत्तीर्ण किया है। वे इतिहास में भी नेट कर चुके हैं। शारीरिक दिव्यांग सतीश ठाकुर ने राजनीति विज्ञान और प्रियंका ठाकुर ने कानून विषय में नेट की परीक्षा दोबारा पास की।

उधर रामपुर की रहने वाली पूर्णत: दृष्टिबाधित छात्रा रोमा नेगी ने इतिहास विषय में नेट प्रथम प्रयास में पास किया। वह पंजाब विश्वविद्यालय की छात्रा हैं और अब हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से पीएचडी करना चाहती हैं।

कुलपति प्रो. सिकंदर कुमार ने इन सभी प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि उन्होंने न सिर्फ विश्वविद्यालय बल्कि हिमाचल प्रदेश की गरिमा बढ़ाई है। उनका कहना है कि ये विद्यार्थी अनेक कठिनाइयों के बावजूद अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं। समाज को दिव्यांग लोगों के प्रति अपनी मानसिकता में बदलाव लाने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में दिव्यांग विद्यार्थियों की पढ़ाई के लिए सभी सुविधाएं जुटाई जा रही हैं।


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