Himachal Pradesh High Court: कंप्यूटर शिक्षक भर्ती मामले पर सुनवाई 19 अप्रैल तक टली
Himachal Pradesh High Court प्रदेश हाईकोर्ट में कंप्यूटर शिक्षक भर्ती मामले पर हो रही सुनवाई 19 अप्रैल के लिए टल गई है। न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ के समक्ष इस मामले को अंतिम सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया था।
हिमाचल प्रदेश, जागरण संवाददाता: प्रदेश हाईकोर्ट में कंप्यूटर शिक्षक भर्ती मामले पर हो रही सुनवाई 19 अप्रैल के लिए टल गई है। न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ के समक्ष इस मामले को अंतिम सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया था। परंतु समय के अभाव के कारण इन याचिकाओं पर सुनवाई नहीं हो पाई। याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट में कंप्यूटर अध्यापकों की उस भर्ती नियम को चुनौती दी है जिसके तहत विभाग ने 5 वर्ष के अनुभव को भर्ती के लिये योग्य शर्त बनाया है।
गौरतलब है कि कंप्यूटर शिक्षक भर्ती मामले में प्रशानिक ट्रिब्यूनल ने वर्ष 2013 से स्थगन आदेश पारित किए हैं जिसके बाद आज तक कंप्यूटर शिक्षकों की भर्ती नहीं हो पाई है। पिछले 21 वर्षो से सेवाएं देने वाले कंप्यूटर शिक्षकों ने भी हाईकोर्ट के समक्ष याचिका दायर कर कोर्ट से उनकी सेवाओं को नियमित करने का आग्रह किया है। यह कंप्यूटर शिक्षक हिमाचल प्रदेश के विभिन्न स्कूलों में वर्ष 2002 से आज तक सेवाएं देते आ रहे हैं।
वहीं दूसरी ओर आरक्षण रोस्टर में महिलाओं की कम जनसंख्या वाले वार्डों को किया गया आरक्षित
नगर निगम चुनाव के आरक्षण रोस्टर को हाईकोर्ट के समक्ष चुनौती दी गई है। याचिकाकर्ता किमी सूद की याचिका पर कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष इस मामले पर सुनवाई सोमवार को होगी। याचिका में आरोप लगाया है कि आरक्षण रोस्टर के मापदंड गैर कानूनी है। किसी जाति, लिंग और धर्म विशेष के आधार पर आरक्षण के लिए मापदंड तय करना संविधान के विपरीत है।
आरोप है कि आरक्षण रोस्टर में महिलाओं की कम जनसंख्या वाले वार्डों को महिलाओं के लिए आरक्षित किया गया है। इसके अलावा 3 वार्ड अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। 14 वार्ड अनारक्षित कर दिए हैं। रोस्टर के अनुसार भराड़ी, समरहिल, बालूगंज, जाखू, बैनमोर, इंजनघर, अपर ढली, शांति विहार, भट्ठाकुफर, सांगटी, छोटा शिमला, कंगनाधार, पटयोग और कनलोग वार्ड अनारक्षित हो गए हैं। इस बार इन वार्डों से पुरुष उम्मीदवार भी चुनाव मैदान में उतर सकेंगे।