Himachal Flood: हिमाचल में आफत की वर्षा से आठ हजार करोड़ का नुकसान
हिमाचल प्रदेश में आफत की वर्षा व बादल फटने से चार हजार करोड़ रुपये का नुकसान का आकलन हुआ। इस नुकसान की सात से आठ हजार करोड़ रुपये होने की आशंका जताई जा रही है। विभिन्न स्थानों पर फंसे 75 हजार पर्यटकों में से अभी तक 67 हजार को सुरक्षित निकाला जा चुका है। यह बात मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला राज्य सचिवालय में शुक्रवार को पत्रकारों से कही।
शिमला, राज्य ब्यूरो। हिमाचल प्रदेश में आफत की वर्षा व बादल फटने से चार हजार करोड़ रुपये का नुकसान का आकलन हुआ। इस नुकसान की सात से आठ हजार करोड़ रुपये होने की आशंका जताई जा रही है। विभिन्न स्थानों पर फंसे 75 हजार पर्यटकों में से अभी तक 67 हजार को सुरक्षित निकाला जा चुका है। शेष भी सुरक्षित हैं। राहत मेनुअल में बदलाव किया जाएगा और घरों के ढहने पर एक-एक लाख रुपये की सहायता दी जाएगी।
यह बात मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला स्थित राज्य सचिवालय में शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में कही। अभी तक इस त्रासदी के कारण छह दिन में 43 लोगों की मौत हो चुकी है जो राशि नियमित तौर पर मिलती है। बता दें कि बीते वर्ष का भी 315 करोड़ रुपये नहीं दिया गया था।
सीएम ने जनता से सहयोग मांगते हुए आपदा कोष 2023 के गठित करने की बात मांग की, जिसके लिए राज्य सहकारी बैंक व एचडीएफसी में अलग से बैंक खाते खोला गया। गौरतलब है कि मानसून आने के बाद 24 जून से लेकर अभी तक 108 लोगों की विभिन्न कारणों से मौत हो चुकी हैं। केंद्र सरकार ने इतनी बड़ी त्रासदी में अभी तक अलग से कुछ नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल सदस्य व सभी कांग्रेस विधायक एक माह का वेतन राहत कोष में देंगे। आईएस अधिकारी संघ, एचएएस अधिकारी संघ सहित विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने एक दिन का वेतन अंशदान करने की बात कहीं। राष्ट्रीय आपदा के लिए प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर से भी बात की है।
सोमवार को केंद्रीय टीम आ रही जायजा लेने
सीएम सुक्खू ने कहा कि केंद्रीय टीम सोमवार को नुकसान का जायजा लेने के लिए आ रही हैं। इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का आभार जताया और सहायता प्रदान करने की मांग की। उन्होंने कहा कि राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी और मुख्य संसदीय सचिव अमिताभ अवस्थी लोसर में पर्यटकों को लाने के लिए डटे रहे। चार दिन में सामान्य से 155 से 600 प्रतिशत से अधिक वर्षा हुई है।