अक्टूबर तक बदल जाएगा हिमाचल भाजपा का चेहरा, बहने लगी बदलाव की बयार Shimla News
जेपी नड्डा पहले ही केंद्र में स्थापित नेता की छवि बना चुके हैं। अब कार्यकारी अध्यक्ष बनने से उनका सियासी कद और बड़ा हुआ है।
शिमला, रमेश सिंगटा। देश में सत्ता के शीर्ष पर पहुंची भाजपा का अब हिमाचल में भी चेहरा बदलेगा।हिमाचल से ताल्लुक रखने वाले जेपी नड्डा के पार्टी का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनने के बाद अब यहां भी बदलाव की बयार बहने लगी है। संगठनात्मक चुनाव का बिगुल बज गया है। अभी सदस्यता पर जोर रहेगा। इसके बाद बूथ से लेकर राज्य कार्यकारिणी के चुनाव होंगे।
हिमाचल में अक्टूबर तक पार्टी को नया अध्यक्ष मिल जाएगा। इस अहम ओहदे के लिए तलबगार सियासी गोटियां फिट करने में जुट गए हैं। सियासत के जानकारों के अनुसार इस पद के लिए क्षेत्रीय संतुलन साधने की कोशिश होगी। अनुराग ठाकुर के वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों के राज्य मंत्री बनने से धूमल खेमा फिर सक्रिय होने लगा है। संगठनात्मक चुनाव में यह गुट दखल दे सकता है।
सरकार से संगठन में आए जेपी नड्डा पहले ही केंद्र में स्थापित नेता की छवि बना चुके हैं। अब कार्यकारी अध्यक्ष बनने से उनका सियासी कद और बड़ा हुआ है। वह भी चाहेंगे कि नया अध्यक्ष उनका सिपहसालर ही बने। वहीं, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी चाहेंगे कि नया प्रदेशाध्यक्ष उनकी पंसद का बने ताकि संगठन और सरकार के बीच और बेहतर संवाद व तालमेल बनाया जा सकें।
सत्ती सात साल से प्रदेशाध्यक्ष
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतपाल सत्ती के पास संगठन की सत्ता सात साल से है। उन्होंने दो कार्यकाल पूरे किए हैं। बेशक आम चुनाव के दौरान उनके बोल पर विवाद हुआ हो लेकिन उनके नेतृत्व में पार्टी ने सदस्यता के सभी रिकॉर्ड तोड़े। उन्होंने वर्ष 2017 में भाजपा को सत्ता तक पहुंचाया। वह बेबाक राय के लिए जाने जाते हैं। संगठनात्मक कौशल के कारण उन्हें दूसरी बार अध्यक्ष बनने का मौका मिला था।
ये हैं प्रदेशाध्यक्ष पद की दौड़ में कांगड़ा से संबंध रखने वाली इंदू गोस्वामी, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार त्रिलोक जम्वाल, मुख्यमंत्री के ओएसडी महेंद्र धर्माणी, मंडी संसदीय क्षेत्र से सांसद रामस्वरूप शर्मा, कृपाल परमार, राम सिंह, संदीपनी भारद्वाज, रणधीर शर्मा, चंद्रमोहन ठाकुर, त्रिलोक
कपूर, राजीव भारद्वाज समेत कई नेता भाजपा के नए प्रदेशाध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल है।
12 लाख कार्यकर्ता
हिमाचल में भाजपा के 12 लाख से अधिक कार्यकर्ता हैं। इनकी सदस्यता छह साल तक रहेगी। इस बार इसमें 20 फीसद नए सदस्य बनाने का लक्ष्य है। इस दृष्टि से दो लाख 40 हजार नए कार्यकर्ता जुड़ेंगे जबकि पुराने सदस्यों की एक्टिव मैंबरशिप होगी। हर मंडल में 800 ऐसे सदस्य बनाए जाएंगे। इस तरह भाजपा अगले एक महीने में करीब 15 लाख कार्यकर्ताओं का विशाल संगठन कहलाएगा।
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