हड़ताल खत्म न करने पर 108 एंबुलेंस कर्मी तलब
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने 108 एंबुलेंस में काम करने वाले ड्राइवरों व टेक्नीशियनों के प्रतिनिधियों को शुक्रवार को कोर्ट में उपस्थित रहने के आदेश दिए हैं।
शिमला, जेएनएन। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने आदेश की अवहेलना करने का कड़ा संज्ञान लिया है। 108 एंबुलेंस में काम करने वाले ड्राइवरों व टेक्नीशियनों के प्रतिनिधियों को प्रतिवादी बनाते हुए शुक्रवार को कोर्ट में उपस्थित रहने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने जिलाधीश व पुलिस अधीक्षक शिमला को भी सुनवाई के दौरान व्यक्तिगत रूप से हाजिर रहने को कहा है। सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि आदेश के बावजूद ड्राइवर व टेक्नीशियन काम पर नहीं लौटे हैं।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल व न्यायाधीश संदीप शर्मा की खंडपीठ ने जिला दंडाधिकारी को भी शपथपत्र दायर करने को कहा है और पूछा है कि कोर्ट के आदेश को लागू करने के लिए उन्होंने क्या कदम उठाए हैं। उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में यह स्पष्ट किया कि था ड्राइवरों व टेक्नीशियनों द्वारा हड़ताल पर जाने का फैसला कानून की नजर में गलत है। हड़ताल पर तुरंत प्रभाव से रोक लगा दी थी। न्यायालय ने कहा था कि जीवीके इमरजेंसी मैनेजमेंट एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट को विशेषता 108 एंबुलेंस जैसी आवश्यक सेवाओं को उपलब्ध करवाने के लिए तैनात किया गया है।
हड़ताल के दौरान दूरदराज के क्षेत्रों से आने वाले मरीजों को भारी मुश्किल का सामना करना पड़ता है। अगर ड्राइवरों और टेक्नीशियनों की मागों को नहीं माना जाता है तो उसके लिए हड़ताल के अलावा कानून ने उनके लिए दूसरे विकल्प निर्धारित किए हैं। महाधिवक्ता की ओर से न्यायालय को बताया गया था कि इन लोगों के खिलाफ सरकार द्वारा पहले ही आवश्यक सेवा संरक्षण अधिनियम (एस्मा) लगा दिया गया है, फिर भी ये लोग हड़ताल पर चले गए हैं। न्यायालय ने आदेश दिए हैं कि उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए हड़ताल पर चले गए हैं। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया था कि उन सभी लोगों के खिलाफ अवमानना का मामला चलाया जाएगा जो लोग न्यायालय के आदेश की अवहेलना करेंगे। मामले पर सुनवाई शुक्रवार को होगी।