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ओलावृष्टि ने तोड़ी बागवानों व किसानों की कमर

ऊपरी शिमला में गत दो दिनों से भारी ओलावृष्टि से सब्जी व फल उत्पादकों को भारी नुकसान झेलना पड़ा है। ठियोग के विधायक राकेश सिघा ने ओलावृष्टि से बागवानों व किसानों की फसलों को हुए नुकसान की भरपाई को लेकर

By JagranEdited By: Published: Fri, 19 Apr 2019 07:24 PM (IST)Updated: Fri, 19 Apr 2019 07:24 PM (IST)
ओलावृष्टि ने तोड़ी बागवानों व किसानों की कमर
ओलावृष्टि ने तोड़ी बागवानों व किसानों की कमर

जागरण संवाददाता, शिमला : ऊपरी शिमला में दो दिन तक हुई ओलावृष्टि से सब्जी व फल उत्पादकों को भारी नुकसान हुआ है। ठियोग के विधायक राकेश सिघा ने ओलावृष्टि से बागवानों व किसानों की फसलों को हुए नुकसान की भरपाई को लेकर मुख्य सचिव को पत्र लिखा है ताकि किसानों व बागवानों को मुआवजा मिल सके। वीरवार को नारकंडा में ओलावृष्टि से मटर, सेब, चेरी, प्लम व अन्य फलों को करोड़ों का नुकसान हुआ है। लोकसभा चुनाव की तैयारियों में एक तरफ सरकार व्यस्त है वहीं प्रशासनिक अधिकारी भी सुध नहीं ले रहे हैं। प्रशासन के पास नुकसान की भरपाई के लिए दी जानी वाली राहत व सहायता के लिए जानकारी एकत्रित करने का समय तक नहीं है। ----------------

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फसल बीमा योजना

प्रदेश में दो फसल बीमा योजनाएं कार्यरत हैं। पहली 2009 में शुरू की गई मौसम आधारित फसल बीमा योजना व दूसरी 2016 में शुरू की गई प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना है। दोनों योजनाएं केवल बीमा कंपनियों को ही फायदा पहुंचा रही हैं, क्योंकि इस व्यापार में भारी मुनाफाखोरी है। वहीं किसानों के जख्मों पर नमक छिड़कने का भी कार्य कर रही हैं। फसल बीमा योजना बहुत बड़ा घोटाला है। 2017-18 में प्रदेश के 1.61 लाख किसानों ने मौसम आधारित फसल बीमा योजना का लाभ लिया। इसमें सबसे ज्यादा लाभार्थियों की संख्या 85 हजार शिमला जिला में रही। बीमा कंपनी का नाम इफको टोकोयो था। 2018 में केवल 1.90 करोड़ सेब पेटियों का उत्पादन हुआ जो हालिया सालों में सबसे कम था।

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85 हजार किसानों ने करवाया है बीमा

शिमला जिला में 85 हजार किसानों ने बीमा करवाया है। हालांकि इसमें से ज्यादातर किसानों ने फसल बीमा किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने के कारण बीमा करवाया क्योंकि किसान क्रेडिट कार्ड बनाते समय बैंक स्वयं ही अनिवार्य रूप से बीमा कर देते हैं। इफको टोकोयो कंपनी ने बीमा प्रीमियर के रूप में शिमला जिला में कुल 28 करोड़ रुपये एकत्रित किए। इसमें से किसानों से 14 करोड़ रुपये, राज्य सरकार से सात करोड़ रुपये व केंद्र सरकार से भी सात करोड़ रुपये बीमा प्रीमियर के रूप में एकत्रित किए, लेकिन किसानों को बीमा राशि के रूप में केवल पांच करोड़ रुपये मिले, जबकि किसानों की दयनीय स्थिति में भी कंपनी ने 23 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा कमाया।


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