Move to Jagran APP

बारिश ने मचाई तबाही, 100 मार्ग बंद, मलबे में दबे वाहन

शिमला में रविवार रात से जारी बारिश ने भयंकर तबाही मचा दी है, जिससे जनजीनवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है।

By BabitaEdited By: Published: Tue, 14 Aug 2018 09:08 AM (IST)Updated: Tue, 14 Aug 2018 09:08 AM (IST)
बारिश ने मचाई तबाही, 100 मार्ग बंद, मलबे में दबे वाहन
बारिश ने मचाई तबाही, 100 मार्ग बंद, मलबे में दबे वाहन

शिमला, जेएनएन। राजधानी शिमला में रविवार रात से सोमवार दोपहर तक जारी बारिश ने भारी तबाही

loksabha election banner

मचाई। बारिश के कारण समूचे जिला में जनजीवन थम गया। सड़कों पर सुबह न तो वाहन नजर आए न लोग। भारी बारिश ने शिमला में चार लोगों को जख्मी कर दिया, जबकि कई भवन ढह गए। कई घरों पर खतरा मंडरा रहा है। लोगों ने घर खाली कर दिए और अपने रिश्तेदारों के घर में आसरा लिया है। इसके अलावा लोगों की कई बीघा जमीन पर लगी फसल बह गई।

जिला शिमला में 100 से अधिक सड़कें बंद पड़ी हुई है, जबकि 300 के करीब रूट प्रभावित हुए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में सुबह बसें नहीं आ पाई। जगह-जगह भूस्खलन होने से मार्ग बंद रहे। इसके अलावा विद्युत लाइनों पर पेड़ गिरने से विद्युत आपूर्ति भी बाधित हो गई। राजधानी शिमला के मल्याणा में भारी भूस्खलन से हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी को जाने वाला रास्ता भी पूरी तरह बंद हो गया है। यहां पर दो ट्रक मलबे में दब गए, जिसमें चार लोगों के घायल होने की सूचना है, जिनका उपचार आइजीएमसी शिमला में चल रहा है। इनमें दो लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है। मल्याणा में सड़क बाधित होने के कारण सेब से भरे 200 से अधिक वाहन फंसे हैं। 

 

भट्टाकुफर में तीन गाड़ियां दब गईं और दो भवनों को भूस्खलन से खतरा पैदा हो गया है। विधानसभा के पास भूस्खलन होने से पांच गाड़ियां दब गईं, जबकि विकासनगर में चार गाड़ियां मलबे में दबी। विकासनगर

में 15 घरों में पानी घुस गया और सात दुकानों में मलबा घुसने से दुकानों को क्षति पहुंची है। नगर निगम के मज्याठ वार्ड में दो भवन भूस्खलन से खतरे की जद में हैं, जबकि दो भवनों में मलबा घुस गया व मलबे में दो गाड़ियां दब गईं। टुटू में पहाड़ी दरकने से राज्य मार्ग बाधित हो गया, जबकि जतोग में पहाड़ी दरकने से रास्ता पूरी तरह बाधित हो गया है।

सेना की मदद से निकाले छात्र

केंद्रीय विद्यालय जतोग के पास पहाड़ी दरकने से रास्ता पूरी तरह बाधित हो गया। इस कारण स्कूल के 100 छात्र स्कूल में फंस गए। जतोग कैंट से सेना के जवानों की मदद से बच्चों को बाहर निकाला गया। उक्त स्थान पर सोमवार दोपहर बाद भी पत्थरों के गिरने का क्रम जारी था।

कैंसर अस्पताल का रास्ता बंद

आइजीएमसी कैंसर अस्पताल के पास मलबा गिरने से रास्ता बंद हो गया। कैंसर अस्पताल परिसर में बनी पार्किंग आधे से अधिक पानी के बहाव के कारण ढह गई। इस कारण लक्कड़ बाजार-संजौली मार्ग

भी बाधित हो गया। इससे आपात सेवाएं भी प्रभावित हुईं। शिमला शहर में 47 से अधिक पेड़ गिर गए हैं, जिससे जहां गई घरों को नुकसान पहुंचा है, वहीं कई रास्ते बंद हो गए। लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

 

लक्कड़ बाजार में घर ढहा 

लक्कड़ बाजार में एक कच्चा मकान ढह गया। एक अन्य मकान को डंगा गिरने से खतरा पैदा हो गया है। रात के समय भवन गिरने के कारण लोगों ने भारी बरसात के बीच रात खुले आसमान के नीचे गुजारी।

दोपहर बाद दो बजे पहुंचा दूध और ब्रेड

शिमला में दोपहर दो बजे के बाद ही दूध और ब्रेड की सप्लाई हो पाई। लोग सुबह दुकानों के चक्कर काटते रहे, लेकिन दूध-ब्रेड नहीं पहुंच पाया। चायपीए बगैर ही दिन की शुरुआत लोगों को करनी पड़ी। ढाबों में भी सुबह के समय लोगों को चाय नसीब नहीं हो पाई।

इन मार्गों का करें इस्तेमाल

’ शिमला में ढली मैहली बाईपास बंद पड़ा हुआ है। ढली से मैहली जाने वाले मल्याणा के बजाए वाया छोटा शिमला मार्ग का इस्तेमाल कर सकते हैं।

’ भट्टाकुफर में मार्ग बंद होने के बाद सेब के ट्रकों के लिए वाया लक्कड़ बाजार मार्ग को सुचारू किया गया है।

’ ठैला-गुम्मा मार्ग बंद है। गुम्मा जाने वाले लोग वाया बसंतपुर मार्ग का इस्तेमाल कर सकते हैं।

’ हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी के लिए रास्ता पूरी तरह बंद है। अब हाउसिंग बोर्ड के लोगों को पैदल ही संजौली पहुंचना होगा।

कंडाघाट में मकान पर पहाड़ी गिरने से चार की मौत

जिला सोलन के कंडाघाट उपमंडल की हिन्नर पंचायत के चाखला गांव में एक मकान पर पहाड़ गिरने से चार लोगों की मौत हो गई। हादसा सोमवार सुबह सुबह दस बजे हुआ। तेज बारिश में मकान के साथ लगते पहाड़ से अचानक मलबा आ गिरा और मकान ढह गया। इस दौरान घर में मौजूद चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। 

मौके पर पहुंची ग्राम पंचायत प्रधान नीशा ठाकुर ने बताया कि करीब दो घंटों में लोगों की मदद से मलबे में दबे लोगों को निकाला गया। मृतकों में देवेंद्र कुमार(32), पत्नी मीना देवी(28), बेटा आदित्य (6) व बेटी हर्षिता(3) शामिल है। कंडाघाट के उपमंडलाधिकारी डॉ. संदीप धीमान ने बताया कि मृतकों के परिजनों को

30 हजार रुपये की फौरी राहत दी गई है। मामले की पुष्टि डीएसपी अमित ठाकुर ने की है।  

कसौली में मलबे में दबने से स्कूल कर्मचारी की मौत

कसौली में सरस्वती निकेतन सीनियर सेकेंडरी स्कूल नालवा में कार्यरत कर्मचारी दीपक(38) की मलबे के नीचे दबने से मौत हो गई। प्रिंसिपल सुभाष शर्मा ने बताया कि सोमवार सुबह सवा नौ बजे दीपक स्कूल गेट से सड़क की ओर आ रहे था कि अचानक उपर सड़क से मलबा आया उसके नीचे दबने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई। तहसीलदार कपिल तोमर ने बताया कि मृतक की पत्नी शोभा को प्रशासन की ओर से 15 हजार की फौरी राहत दी गई है। 

जाबली के पास खड्ड में बहा बच्चा, तलाश जारी

उपमंडल सोलन की ग्राम पंचायत जाबली के दतियार के समीप रानी गांव में 12 वर्षीय हिमांशु पुत्र माया राम खड्ड में बह गया। समाचार लिखे जाने तक उसकी तलाश जारी थी।

कालीबाड़ी मंदिर की सड़क पर आई दरार

कालीबाड़ी मंदिर जाने वाली सड़क पर डंगा गिर गया है। ग्रैंड होटल द्वारा अधिकृत क्षेत्र में लगे इस डंगे के गिरने से कालीबाड़ी मंदिर में श्रद्धालुओं का आना-जाना बाधित हुआ है। मंदिर की ओर से आगे मालरोड की तरफ सड़क भी जगह-जगह से धंसना शुरू हो गई है, जिसकी वजह से पूरी सड़क के गिर जाने का खतरा उत्पन्न हो गया है। मंदिर आने-जाने वाले लोगों को इस सड़क का उपयोग करने की मनाही कर दी गई है व सड़क को दोनों किनारों से बंद कर दिया गया है। इस मार्ग पर प्रसाद, खाने-पीने की छोटी-छोटी दुकानों और अन्य दुकानों को भी बंद कर दिया गया है।

संजौली में छह बहुमंजिला भवनों में आई दरार

बारिश के कारण उपनगर संजौली के इंद्रनगर में छह भवन खतरे की जद में आ गए हैं। भवनों के पीछे पहाड़ी से भारी मात्रा में पानी का रिसाव होने के कारण दरारें आ गईं। भवन टेढ़े हो गए हैं। इस कारण लोगों को घर खाली करने पड़े हैं। 40 परिवारों के 200 लोग बेघर हो गए हैं। लोगों ने घर खाली कर अपने रिश्तेदारों के घर में आसरा लिया है।

 

रविवार रात बारिश के कारण भवनों में दरारें पड़नी शुरू हो गई थी, लोग इस समय घर में सो रहे थे। जैसे-जैसे समय बीतता गया दीवारों से आवाजें आने लगी। लोग घर से बाहर निकल गए और भारी बारिश के बीच खुले आसमान के नीचे रात गुजारी। छह भवन पांच मंजिला हैं और भवन के सभी कमरे किराये पर दिए गए हैं। सोमवार सुबह से दोपहर तक लोग भवनों को देकर आंसू बहाते रहे। सभी लोगों ने मकान खाली कर दिए हैं। सोमवार दोपहर बाद जैसे ही मौसम खुला वैसे ही लोगों ने घरों ने अपना सामान बाहर निकालना शुरू कर दिया।

पिछले वर्ष भी हुआ था हादसा

पिछले वर्ष भी ढली-संजौली बाईपास पर एक भवन ढह गया था। इसमें करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ था। महापौर कुसुम सदरेट ने मौके का जायजा लिया है। प्रशासन ने लोगों के लिए राहत कार्य शुरू कर दिया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.