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हाईकोर्ट ने पूछा, पुलिस के बनाए अन्य आरोपित किस आधार पर छोड़े

कोटखाई में छात्रा की हत्या मामले में वीरवार को प्रदेश हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने सीबीआइ से पूछा कि पुलिस की ओर से बनाए गए आरोपितों को किस आधार पर छोड़ दिया गया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 28 Oct 2021 11:30 PM (IST)Updated: Thu, 28 Oct 2021 11:30 PM (IST)
हाईकोर्ट ने पूछा, पुलिस के बनाए
अन्य आरोपित किस आधार पर छोड़े
हाईकोर्ट ने पूछा, पुलिस के बनाए अन्य आरोपित किस आधार पर छोड़े

राज्य ब्यूरो, शिमला : कोटखाई में छात्रा के साथ हुए दुष्कर्म एवं हत्या मामले में वीरवार को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने सीबीआइ से पूछा कि इस मामले में जो अन्य आरोपित थे, उन्हें किस आधार पर छोड़ा गया है। इन्हें शिमला पुलिस ने आरोपित बनाया था। सीबीआइ ने उन्हें क्लीनचिट दे दी थी। सीबीआइ की दिल्ली यूनिट को इस मामले में कोर्ट में जवाब दायर करना होगा। इस मामले में अगली सुनवाई आठ दिसंबर को होगी।

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छात्रा की मां ने कोर्ट में याचिका दाखिल की है। उनके वकील भूपेंद्र चौहान ने इसकी पुष्टि की है। याचिका में सीबीआइ से कई पहलुओं की दोबारा जांच करवाने का आग्रह किया गया है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट में जाने को कहा था। इसके बाद पीड़ित परिवार की ओर से छात्रा की मां ने पिछले साल नवंबर में याचिका दायर की थी। इनमें उन्होंने कई पहलुओं व फारेंसिक साइंस प्रयोगशाला की रिपोर्ट में सामने आए तथ्यों को आधार बनाते हुए सीबीआइ से दोबारा जांच करवाने की गुहार लगाई है। हालांकि सीबीआइ की स्पेशल क्राइम यूनिट वन, दिल्ली की ओर से विशेष अभियोजक के माध्यम से हाईकोर्ट में जवाब दाखिल कर दोबारा जांच से इंकार किया गया है।

मुख्य आरोपित अनिल उर्फ नीलू को सीबीआइ की विशेष अदालत दोषी करार देकर उम्रकैद की सजा दे चुकी है। उसने भी सजा के फैसले को चुनौती दी है। सीबीआइ ने उसे ही इकलौता आरोपित माना है। पीड़ित परिवार का आरोप है कि अकेला नीलू बेटी के साथ इतना बड़ा घिनौना अपराध नहीं कर सकता है। उसमें कई और लोग भी संलिप्त हो सकते हैं। पांच आरोपितों को मिली थी क्लीनचिट

आरोपित राजेंद्र उर्फ राजू, सुभाष, दीपक उर्फ दीपू, लोकजन उर्फ छोटू और आशीष चौहान का गांधीनगर, गुजरात स्थित सेंट्रल फारेंसिक साइंस लैब में परीक्षण करवाया गया। सीबीआइ ने जांच में पाया कि आरोपितों को पुलिस ने पीटा और थर्ड डिग्री का टार्चर कर जुर्म कबूलने का दबाव बनाया। इन पांच आरोपितों को क्लीनचिट मिल गई थी। एक अन्य आरोपित सूरज की कोटखाई थाने में मौत हो गई थी। क्या है मामला

कोटखाई के गांव हलाईला क्षेत्र में 15 साल की स्कूली छात्रा के साथ चार जुलाई 2017 को दुष्कर्म हुआ व उसकी हत्या कर दी गई। पहले जांच पुलिस ने की। पुलिस ने जिन आरोपितों को गिरफ्तार किया, उनमें से सूरज की कोटखाई थाने की हवालात में मौत हो गई। इससे जनता सड़क पर उतर आई थी। इसके बाद हाईकोर्ट ने दोनों मामलों की सीबीआइ जांच के आदेश दिए थे। जांच में पुलिस की थ्योरी गलत साबित हुई। सीबीआइ ने सभी आरोपितों को क्लीनचिट दी। बाद में छात्रा के साथ दुष्कर्म और हत्या मामले में चिरानी अनिल कुमार उर्फ नीलू को गिरफ्तार किया गया था।


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