अबकी बार हाटी मामले पर आर-पार
दो उपचुनाव के बीच गिरिपार के हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिलाने की मांग फिर जोर पकड़ने लगी है। यह मुद्दा करीब तीन लाख लोगों के हितों से जुड़ा हुआ है। लेकिन लंबे अरसे से सियासी पालने में झूल रहा है। राज्य विधानसभा चुनाव के दौरान इसे प्रमुखता से उठाया गया था। अब सिरमौर युवा विकास मंच ने इसे हवा दी है। पच्छाद का आधा क्षेत्र हाटी समुदाय से संबंधित है। मंच ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आग्रह किया है वह हाटी समुदाय के लोगों को उनका कह दिलाएं। अन्यथा लोग अब आंदोलन च
राज्य ब्यूरो, शिमला : पच्छाद व धर्मशाला उपचुनाव के बीच गिरिपार के हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिलाने की मांग फिर उठने लगी है। यह मुद्दा करीब तीन लाख लोगों के हित से जुड़ा है, लेकिन लंबे अरसे से सियासी पालने में झूल रहा है।
विधानसभा चुनाव के दौरान भी इसे प्रमुखता से उठाया गया था। अब सिरमौर युवा विकास मंच ने इसे हवा दी है। पच्छाद का आधा क्षेत्र हाटी समुदाय से संबंधित है। मंच ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आग्रह किया है वह हाटी समुदाय के लोगों को उनका हक दिलाएं। अन्यथा अब लोग आंदोलन शुरू कर देंगे। मंच के पदाधिकारियों वकील श्याम सिंह चौहान, सुनील ठाकुर, प्रदीप सिगटा व धनवीर सिंह ठाकुर ने कहा कि सिरमौर में भाजपा का यह मुख्य मुद्दा रहा है। विपक्ष में रहते तत्कालीन कांग्रेस सरकार की जमकर घेराबंदी की गई थी। अब केंद्र और राज्य में भाजपा की ही सरकार है और अबकी बार हाटी समुदाय को एसटी दर्जा मिलना ही चाहिए। इससे संबंधित तमाम औपचारिकताएं भी पूरी की गई हैं। अब केवल केंद्र सरकार ने इस पर निर्णय लेना है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को इस मुद्दे को केंद्र सरकार के साथ उठाना चाहिए। पच्छाद उपचुनाव की तीस पचायतों के 50 हजार से अधिक लोग इस मुद्दे पर सरकार की चुप्पी से हैरान है। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी गुहार लगाई है कि वह मामले में दखल दें। चार विधानसभा क्षेत्रों के लोगों को मिलेगा लाभ
अगर सरकार इस मांग को पूरा कर लेती है तो इससे सिरमौर जिला के चार विधानसभा क्षेत्र के लोगों को लाभ मिलेगा। अब लोग चाहते हैं कि सरकार इस मामले को केंद्र के साथ उठाएं। आश्वासन से आगे बढ़कर इस पर कोई निर्णय लिया जाए।
विपक्ष भी उठाएं मुद्दा
मंच ने विपक्ष से भी आग्रह किया है कि वह भी मुद्दों की राजनीति करें और उपचुनाव में इसे उठाएं और सकारात्मक पहल करें।