प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में बाधा नहीं बनेगी गरीबी
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे भी नामी कोचिंग सेंटर में प्रशिक्षण ले सकेंगे।
------------------ राज्य ब्यूरो शिमला : किसी भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में गरीबी अब बाधा नहीं बनेगी। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे भी नामी कोचिंग सेंटरों में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर सकेंगे। प्रदेश सरकार ने मेधा प्रोत्साहन योजना शुरू कर दी है। मेधा प्रोत्साहन योजना के तहत सिविल सर्विसेज सहित अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयार के लिए एक लाख तक की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। कोचिंग लेने वाले विद्यार्थी को यह राशि एक बार ही मिलेगी।
पहले साल इस योजना के तहत सरकारी स्कूलों के 500 मेधावियों को प्रदेश सरकार प्रतियोगी परीक्षा की तैयार के लिए एक-एक लाख रुपये तक की सहायता राशि देगी। इस योजना से आइआइटी, नीट, आइआइआइटी, आइआइएम, जेईई, आइएएस और एचएएस की प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में मदद मिलेगी। सरकारी सूत्रों के अनुसार इस योजना के तहत सभी श्रेणी के विद्यार्थी आवेदन कर सकेंगे।
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कोचिंग सेंटरों की बनेगी सूची मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलने के बाद मेधा प्रोत्साहन योजना के तहत कोचिंग देने के लिए प्रदेश सरकार अन्य राज्यों में स्थित नामी कोचिंग सेंटरों की सूची तैयार करेगी। विद्यार्थियों को सभी ट्रेड के लिए कोचिंग सेंटर मुहैया करवाएं जाएंगे। सरकार उन्हीं संस्थानों को इंपेनल करेगी, जिनका परिणाम सराहनीय रहा हो। इन्हीं सेंटरों में कोचिंग लेने वाले बच्चों की फीस का भुगतान प्रदेश सरकार करेगी।