हिमाचल में फिर गिरा ग्लेशियर, दबे जवानों का सुराग नही
किन्नौर जिले में लगातार हो रही बारिश-बर्फबारी बनी बाधा सेना आइटीबीपी ग्रेफ पुलिस जिला प्रशासन ने चलाया बचाव अभियान बर्फबारी व ग्लेशियर के खतरे के बीच जवान रेस्क्यू कर रहे हैं।
रिकांगपिओ, जेएनएन। जिला किन्नौर में भारत-तिब्बत सीमा पर स्थित पूह ब्लॉक के गांव डोगरी (नमज्ञा) के समीप बुधवार सुबह ग्लेशियर गिरने से चपेट में आए सेना की सात जैक राइफल्स के पांच जवानों का वीरवार को भी कोई पता नहीं चल पाया। भारी बर्फबारी के बीच नाले में और ग्लेशियर आ गया, जिससे बचाव अभियान सफल नहीं हो पाया। यहां छह जवान गलेशियर में दब गए थे, जिसमें से राकेश कुमार निवासी बिलासपुर शहीद हो गए थे। जवानों को ढूंढने के लिए वीरवार सुबह सेना, आइटीबीपी, ग्रेफ, पुलिस, जिला प्रशासन व स्थानीय लोगों का सौ सदस्यीय दल मौके पर पहुंचा, लेकिन खराब मौसम इसमें बाधा बन गया।
बुधवार को सेना के कुछ जवान पेट्र्रोलिंग करते हुए डोगरी नाले की ओर गए थे। इस बीच नाले में ग्लेशियर गिरने से छह जवान दब गए। उससे थोड़े ऊपर आइटीबीपी के चार जवान भी इसकी चपेट में आ गए थे, जिन्हें बाद में बचा लिया गया। सेना के जवानों की काफी तलाश की गई, लेकिन रात को मौसम के बिगड़ने से अभियान को रोकना पड़ा। वीरवार सुबह फिर तलाशी अभियान छेड़ा गया, लेकिन नाले में फिर ग्लेशियर आ गिरा। ऐसे में लापता जवानों का कोई पता नहीं चल पाया है। ग्लेशियर के नीचे दबे जवानों की तलाश में वीरवार सुबह अभियान चलाया गया, लेकिन सात बजे से ही हिमपात शुरू हो गया। सारा दिन बारिश के साथ बर्फबारी होती रही, जिससे रेस्क्यू ऑपरेशन सफल नहीं हो पाया। इस बीच फिर ग्लेशियर आ गिरा, लेकिन रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे सदस्य सुरक्षित हैं।
बर्फबारी व ग्लेशियर के खतरे के बीच जवान रेस्क्यू कर रहे हैं। बचाव दल को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अभी तक पांच जवानों का कोई पता नहीं चल पाया है। शुक्रवार को भी बचाव अभियान जारी रहेगा। लापता जवानों के नाम अधिकारिक तौर पर जारी नहीं किए गए हैं।
-गोपाल चंद, उपायुक्त किन्नौर
सेना, आइटीबीपी, ग्रेफ, पुलिस, जिला प्रशासन के साथ स्थानीय लोग बचाव अभियान में जुटे रहे। मौसम के खराब होने से अभियान जारी नहीं रखा जा सका। ऐसे में दबे हुए जवानों का कोई पता नहीं चल पाया है।
-शिव मोहन सैनी, एडीएम पूह, किन्नौर
रेस्क्यू ऑपरेशन में काम नहीं आया सेटेलाइट फोन
ग्लेशियर में लापता सेना के जवानों की तलाश के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान पूह के एडीएम शिव मोहन सैनी घटनास्थल पर पहुंच नहीं पाए। आपातकालीन स्थिति में संपर्क साधने के लिए दिया गया सेटेलाइट फोन अभी तक चालू नहीं हो पाया है।
प्रदेश सरकार ने एक पखवाड़ा पहले जनजातीय क्षेत्रों में अधिकारियों को 15 सेटेलाइट फोन दिए थे। हैरानी की बात है कि किसी भी स्थान पर यह फोन काम नहीं कर रहे हैं। एडीएम पूह के पास भी सेटेलाइट फोन है मगर इसमें सेवा शुरू नहीं हो सकी है। सभी जिला उपायुक्त के पास सेटेलाइट सेट पहुंच चुके हैं। वहीं विशेष सचिव डॉ. डीसी राणा का कहना था कि कॉमन एपलिकेशन फार्म में कमियां सामने आई हैं।
इस कारण सेटेलाइट फोन एक्टिव नहीं हो पाए हैं। गौर रहे कि 11 फरवरी को सचिवालय में हुई बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व मनीषा नंदा ने जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को सेटेलाइट फोन सौंपे थे। अगले चरण में सेटेलाइट फोन उपमंडल स्तर पर दिए जाएंगे। इसके बाद जिलों में 15 वेरी स्मॉल अपर्चर टर्मिनल भी लगाने की योजना है।