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देश के इस राज्य में लड़कियों की हुई फीस माफ, सरकारी कर्मच‍ारियों की भी बल्ले-बल्ले

हिमाचल सरकार ने स्वतंत्रता दिवस के खास अवसर पर एलान किया कि अब प्रतियोगी परीक्षाओं में महिला उम्मीदवारों को परीक्षा शुल्क नहीं देना होगा।

By Babita kashyapEdited By: Published: Sat, 17 Aug 2019 09:13 AM (IST)Updated: Sat, 17 Aug 2019 09:13 AM (IST)
देश के इस राज्य में लड़कियों की हुई फीस माफ, सरकारी कर्मच‍ारियों की भी बल्ले-बल्ले
देश के इस राज्य में लड़कियों की हुई फीस माफ, सरकारी कर्मच‍ारियों की भी बल्ले-बल्ले

शिमला, राज्य ब्यूरो। स्वतंत्रता दिवस पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने प्रदेश की लड़कियों और महिलाओं के साथ सरकारी कर्मचारियों को तोहफे दिए हैं। हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग और हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग की प्रतियोगी परीक्षाओं में महिला उम्मीदवारों को परीक्षा शुल्क नहीं देना होगा।कर्मचारियों और पेंशनरों को जनवरी से चार फीसद महंगाई भत्ता दिया गया है।

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इससे सरकार पर 260 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा जबकि 1.82 लाख नियमित व अनुबंध कर्मियों व 1.65 लाख पेंशनरों को लाभ होगा। सरकारी स्कूलों के नौवीं और दसवीं कक्षा के सभी विद्यार्थियों को निशुल्क पाठ्य पुस्तकें प्रदान की जाएंगी। इससे 65000 विद्यार्थी लाभान्वित होंगे। यह घोषणाएं शिमला के रिज मैदान पर राज्यस्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह में की गईं। राज्यस्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने तिरंगा फहराया व स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने विकासात्मक लक्ष्य पाने के लिए दृष्टिपत्र हिमाचल प्रदेश-2030 तैयार किया है। 

डॉ. जगत, निषाद व प्रतिभा को हिमाचल गौरव पुरस्कार

मुख्यमंत्री ने निषाद कुमार, पीजीआइ के निदेशक पद्मश्री डॉ. जगत राम और लेफ्टिनेंट प्रतिभा जम्वाल को हिमाचल गौरव पुरस्कार प्रदान किया। सूबेदार रिनजिन दोर्जे को मरणोपरांत, अलाइका और हिमकारा संगठन को प्रेरणास्रोत पुरस्कार प्रदान किए। हिमाचल प्रदेश आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को सिविल

सर्विसिज पुरस्कार प्रदान किया, जिसे पूर्व अतिरिक्त मुख्य सचिव मनीषा नंदा ने प्राप्त किया। राज्यस्तरीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण पुरस्कार कुल्लू के लिए पूर्व उपायुक्त युनूस खान और लाहुल स्पीति जिला के लिए अश्विनी कुमार ने प्राप्त किया।

वीर नारियों व शहीदों के आश्रितों को अब मिलेंगे 20 हजार वार्षिक

मुख्यमंत्री ने पूर्व सैनिकों, वीर नारियों और उनके आश्रितों, जिनकी आयु 60 वर्ष से अधिक है, को वित्तीय सहायता 10,000 रुपये से बढ़ाकर 20,000 रुपये प्रतिवर्ष करने की घोषणा की। द्वितीय विश्व युद्ध के सेनानियों की सहायता राशि को 3000 रुपये से बढ़ाकर 10000 रुपये प्रतिमाह और सेनानियों की विधवाओं की सहायता राशि 3000 रुपये से बढ़ाकर 5000 रुपये प्रतिमाह करने की घोषणा की। 


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