विधायक को भेजा मांगपत्र, शिकायत बना कोर्ट पहुंचा दिया
जुब्बल बदरोली गाव के लोगों ने संपर्क मार्ग खोलने के लिए मांगपत्र विधायक को भेजा था, जिसे शिकायत बनाकर हाईकोर्ट पहुंचा दिया।
संवाद सूत्र, जुब्बल : जुब्बल बदरोली गाव के लोगों ने संपर्क मार्ग खोलने के लिए नगर पंचायत अध्यक्ष के माध्यम से स्थानीय विधायक नरेंद्र बरागटा को एक माग पत्र दिया था, लेकिन यह मांग पत्र शिकायत पत्र बनकर हाईकोर्ट पहुंच गया। ऐसे में स्थानीय लोगों ने इसका अब विरोध करना शुरू कर दिया है। इसके साथ ही सवाल उठना शुरू हो गए हैं कि मांगपत्र शिकायत पत्र कैसे बन गया। जुब्बल न्यायालय परिसर तक आने वाली सड़क को बदरोली गाव तक बनाने का मामला था। माग स्थानीय विधायक के माध्यम से सरकार को भेजनी थी। ग्रामवासी रमेश चंद ने कहा कि अध्यक्ष नगर पंचायत जुब्बल बृजलाल के आग्रह पर ग्रामवासियों ने पत्र उन्हें दिया और सड़क को बदरोली गाव तक बनाने की माग की थी। यह सड़क अभी जुब्बल न्यायालय भवन तक ही बनी है, लेकिन इस मागपत्र के साथ छेड़छाड़ करके इसे जुब्बल के एक अधिकारी और स्थानीय वकीलों के खिलाफ शिकायत पत्र बनाकर प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को भेज दिया गया, जिसमें उक्त सड़क को रोकने और रास्ता रोकने के गंभीर आरोप लगाए गए। उच्च न्यायालय ने उपरोक्त शिकायत पर संज्ञान लेते हुए जिला एवं सत्र न्यायाधीश शिमला वीरेंद्र सिंह को जाच के आदेश दिए और जब 19 अगस्त को जिला एवं सत्र न्यायधीश शिमला जाच के लिए जुब्बल मौके पर आए तो ग्रामवासी और कोर्ट प्रशासन एवं वकील हैरान हो गए। ग्रामवासियों ने कहा कि उन्होंने केवल उक्त सड़क को चौड़ा करने व इसे गाव तक ले जाने का मागपत्र नगर पंचायत अध्यक्ष को दिया था, जिसे स्थानीय विधायक नरेंद्र बरागटा को देने का आश्वासन दिया था। ज्ञापन विधायक नरेंद्र बरागटा तक पहुंचा ही नहीं और ज्ञापन के साथ छेड़छाड़ करके इसे शिकायत पत्र बनाकर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को भेज दिया गया, जिसमें स्थानीय जज और वकीलों के खिलाफ सड़क बंद करने का झूठा आरोप लगा दिया। ग्रामवासियों ने विधायक को लिखे माग पत्र की प्रतिलिपि भी जाच अधिकारी न्यायाधीश को सौंप दी है।
बार एसोसिएशन जुब्बल के अध्यक्ष दीवान सिंह खागटा का कहना है कि मागपत्र से छेड़छाड़ करना दुर्भाग्यपूर्ण है और साथ ही गाव के लोगों के हस्ताक्षर फोटोस्टेट करके लगा दिए। उन्होंने इस कृत्य की कड़ी भर्त्सना की है और कहा कि इसकी न्यायिक जाच की जा रही है दोषी को छोड़ा नहीं जाएगा। ग्रामवासियों ने लिख कर दे दिया है कि उन्होंने इस तरह की कोई शिकायत नहीं की है।
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मेरे कार्यालय में मांग पत्र छोड़ा गया था। मैं कार्यालय में मौजूद नहीं था। अब मांगपत्र कैसे कोर्ट पहुंचा इसकी जांच होनी चाहिए।
-बृजलाल, नगर पंचायत अध्यक्ष।
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मैंने नगर पंचायत अध्यक्ष की दुकान पर मांग पत्र दिया था। उन्होंने मांगा था, ताकि विधायक के पास दे सकें। अगर मुकर रहे हैं तो मेरे पास सबूत हैं। चार-पांच माह पहले मांग पत्र दिया था, लेकिन रिसीविंग नहीं ली थी।
-रमेश चंद, गांववासी।