विदेश में बैठ शिमला से उड़ाया पैसा
साइबर अपराध की कोई सीमाएं नहीं है। विदेश में बैठे शातिर जालसाज कहीं से भी अपना नेटवर्क संचालित करने में कामयाब हो रहे हैं। हिमाचल में भी इंटरनेशल ट्रांजेक्शन से फ्रॉड के दस मामले सामने आए हैं।
जागरण संवाददाता, शिमला
साइबर अपराध की कोई सीमाएं नहीं हैं। विदेश में बैठे शातिर जालसाज कहीं से भी अपना नेटवर्क संचालित करने में कामयाब हो रहे हैं। हिमाचल में भी इंटरनेशनल ट्रांजेक्शन से धोखाधड़ी के दस मामले सामने आए हैं। इनमें लोगों के बैंक खातों से लाखों रुपये उड़ाए गए हैं। राजधानी शिमला में दो लोगों के साथ ठगी हुई। सूत्रों के अनुसार संजौली की युवती के बैंक से 15 हजार रुपये साफ किए गए। गनीमत यह रही कि पैसा कम चुराया। युवती को तब पता चला जब उसने बैंक से अपने खाते से जमा और निकाली गई राशि की स्टेटमेंट ली।
दूसरा मामला भी शिमला का ही है। यहां के एक नामी कॉलेज के प्रोफेसर को साठ हजार रुपये का चूना लगाया। इन मामलों की सीआइडी के साइबर थाने में शिकायत हुई। साइबर पुलिस ने गहनता से जांच की। बताते हैं कि जांच एजेंसी ने ठगी का पैसा रिफंड करवा लिया है। इस संबंध में संबंधित बैंकों के साथ संपर्क किया गया। वहां का पूरा रिकॉर्ड खंगाला। रिफंड की व्यवस्था
बैंकों में भी पैसा सुरक्षित नहीं है तो फिर ग्राहक कहां रखे। यह सवाल ठगी की शिकायतों के बाद पीड़ितों ने उठाया। इनके जवाब में सीआइडी ने कहा कि बैंक उनके जमा पैसों के कस्टोडियन है। ऐसे में बैंकों को लूट की धनराशि वापस करनी पड़ती है। इस सिलसिले में जांच टीम ने आरबीआइ के निर्देशों का भी हवाला दिया। क्या है विकल्प
बैंकों में खाता खुलवाते वक्त इंटरनेशनल ट्रांसजेक्शन का विकल्प आता है। इसे बंद करना पड़ता है, लेकिन ग्राहकों में जागरूकता की कमी रहती है। वे इस बंद नहीं करते हैं। इसी खामियों का जालसाज लाभ उठाते हैं। सीआइडी ने तय किया है कि वह ग्राहकों को इसे लेकर जागरूकता मुहिम चलाएंगे। पहले भी कई बार ऐसे प्रयास हुए हैं। लेकिन साइबर अपराधों में आई तेजी के कारण इनकी मौजूदा परिस्थितियों में और अधिक जरूरत है। यह अपराध बड़ी तेजी के साथ बढ़ रहा है। हिमाचल में इसकी रोकथाम में लिए शिमला का राज्यस्तरीय थाना है। जिलों में इससे संबंधित अपराध घटित हो जाए तो फिर केस यहीं पर दर्ज करने होते हैं। साइबर थाने में वित्तीय धोखाधड़ी की 276 शिकायतें
साइबर अपराध के अधिकारियों के अनुसार इस साल साइबर थाने में वित्तीय धोखाधड़ी की 276 शिकायतें आई हैं। इनमें से चार लाख रुपये शिकायतकर्ताओं को रिफंड करवाने में सफलता मिली है। यह पैसा जालसाजों के खातों से लौटाया गया है। उनके अनुसार लोगों को सोशल मीडिया के माध्यम से भी जागरूक किया जा रहा है। लोग संदिग्ध कॉल, ईमेल के द्वारा मांगी जा रही है खातों की डिटेल प्रदान न करें। किसी तरह के प्रलोभन में न आएं।
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