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इन पांच जिलों में चलेगी धूलभरी आंधी, कुछ स्थानों पर भारी बारिश की संभावना

मौसम के इस मिजाज का असर पूरे प्रदेश में रहा। हालांकि शिमला, कांगड़ा, हमीरपुर व ऊना जिलों में इसका प्रभाव ज्यादा पड़ा।

By Edited By: Published: Fri, 15 Jun 2018 08:29 PM (IST)Updated: Sat, 16 Jun 2018 12:13 PM (IST)
इन पांच जिलों में चलेगी धूलभरी आंधी, कुछ स्थानों पर भारी बारिश की संभावना

शिमला, जेएनएन। राजस्थान और ब्लूचिस्तान (पाकिस्तान) की ओर से चली धूलभरी गर्म हवाओं ने हिमाचल में भी लोगों को परेशान किया। शुक्रवार को प्रदेशभर में धूल की परत छाई रही। प्रदेश में अभी धूलभरी हवाओं का खतरा नहीं टला है। मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है कि शनिवार व रविवार को कांगड़ा, शिमला, सोलन, सिरमौर व चंबा जिलों में धूलभरी आधी चलेगी। इस दौरान प्रदेश में मध्यम ऊंचाई वाले व मैदानी क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है।

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हवा में धूल के कारण शुक्रवार को प्रदेश में लोगों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया। खासकर सांस के रोगियों को काफी दिक्कत हुई। बुधवार रात उत्तरी इलाकों से धूलभरी हवा चली। इसके असर से वीरवार को प्रदेश में भी धूल छाई रही। हालांकि वीरवार शाम व शुक्रवार सुबह राज्य के अधिकांश क्षेत्रों में भारी बारिश हुई। इसके बावजूद वातावरण में फैली धूल नहीं हटी। मौसम के इस मिजाज का असर पूरे प्रदेश में रहा। हालांकि शिमला, कांगड़ा, हमीरपुर व ऊना जिलों में इसका प्रभाव ज्यादा पड़ा। धूल के बीच तीखी धूप से उमस बढ़ गई जिससे लोगों को चिपचिपी गर्मी का अहसास हुआ।

मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश में 19 जून तक बारिश के आसार हैं। इसके बाद मौसम में सुधार आने की संभावना है। शुक्रवार को प्रदेश में अधिकतम तापमान ऊना में 41.2 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम तापमान कुफरी में 10.1 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। कहां कितनी हुई बारिश गोहर,115 गगल,51 सुंदरनगर, 49 कोटखाई, 30 जोगेंद्रनगर, 24 कुमारसैन,22 करसोग,22 मंडी,18 मशोबरा,10 (बारिश मिलीमीटर में) कहां कितना रहा तापमान स्थान,न्यूनतम,अधिकतम शिमला,15.2,27.0 सुंदरनगर,19.3,35.9 भुंतर,19.0,36.2 कल्पा,12.2,25.5 धर्मशाला,20.6,32.4 ऊना,27.0,41.2 नाहन,22.7,33.7 केलंग,12.4,29.0 पालमपुर,21.0,32.0 सोलन,20.0,31.5 मनाली,11.4,26.6 चंबा,18.8,36.7 (तापमान डिग्री सेल्सियस में)

धूल में घर से बाहर न जाए

राजधानी शिमला समेत पूरे हिमाचल में छाई धूलभरी परत कुछ दिन और बनी रह सकती है। ऐसी हवा में सांस लेने वाले लोगों पर इसका दुष्प्रभाव पड़ेगा लेकिन दमे व क्रोनक ऑब्सट्रक्टिव पल्मनरी डिजीज (सीओपीडी) वाले मरीजों को खास एहतियात बरतते हुए घरों में ही रहना चाहिए। इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आइजीएमसी) शिमला के पल्मनरी मेडिसन विभाग के हेड डॉ. मलय सरकार ने बताया कि दमे व सीओपीडी से पीड़ित मरीजों को इन दिनों सुबह व शाम की सैर बंद कर देनी चाहिए। बहुत मजबूरी हो तो ही घर से बाहर निकलना चाहिए। अभी सही आंकड़े नहीं हैं मगर यह पक्का है कि वातावरण में छाई धूल के कारण श्वास रोगियों की संख्या बढ़ी होगी। इस मौसम में कमजोर फेफड़ों वाले लोगों को दिल का दौरा पड़ने की भी आशंका है। ऐसे में अगर दमे, सीओपीडी व श्वास रोगियों को मजबूरी में कहीं जाना हो तो एन 95 मास्क डालकर ही बाहर निकलें। इससे काफी हद तक धूल से बचने में मदद मिलेगी।

क्या बरतें सावधानी 

-धूमपान, पैसिव स्मोकिंग व अंगीठी जलाने से इन दिनों परहेज करें।

-दमे व सीओपीडी के मरीज ने किसी कारण दवा खाना बंद किया है तो इसे फिर शुरू करें।

 बारिश से मिल सकती है धूल से राहत

ब्लूचिस्तान व राजस्थान में आए तूफान के बाद धूलभरी आंधी के 50-60 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलने के कारण हिमाचल समेत पूरे उत्तर भारत में छाई धूल छंटने में अमूमन पांच दिन लगते हैं। अगर बीच में तेज हवा या आंधी आ जाए तो इससे जल्द छुटकारा मिल सकता है। प्रदेश के कई इलाकों में शनिवार व रविवार को बारिश के आसार हैं जिससे इस धूलभरी परत से कुछ राहत मिल सकती है। 

मनमोहन, निदेशक, मौसम विभाग

पांच साल बाद जून में झमाझम बरसे मेघ

हिमाचल प्रदेश में पांच साल बाद जून में बारिश ने ऐसा रंग दिखाया कि हर कोई सहमा हुआ है कि पता नहीं कहीं नुकसान तो नहीं हुआ होगा। बरसात में झमाझम बारिश देखने को मिलती है। इसके बावजूद इस बार जून में भी झमाझम बारिश हो रही है।

मौसम विभाग के अनुसार वर्ष 2013 में जून में हिमाचल के कई क्षेत्रों में भारी बारिश हुई थी। प्रदेश में वीरवार की रात भी भारी बारिश हुई। हालांकि प्रदेश में कहीं कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ मगर कई स्थानों पर रास्ते बह गए। भारी बारिश के कारण प्रदेश के सभी क्षेत्रों में तापमान में तीन से चार डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई।

प्रदेश में इस वर्ष अभी तक कृषि को करीब 112 करोड़ रुपये का नुकसान बारिश, ओलावृष्टि व तूफान के कारण हो चुका है। इस बार बारिश से बागवानी भी पूरी तरह प्रभावित हुई है जिसमें प्लम व आृड़ू के साथ सेब की पैदावार पर भी बहुत ज्यादा प्रभाव पड़ा है। उधर मौसम विभाग के निदेशक मनमोहन सिंह ने कहा कि इन दिनों जिस तरह से भारी बारिश हो रही है, इससे पूर्व ऐसी बारिश वर्ष 2013 में हुई थी।

सीएम के हेलीकाप्टर की पालमपुर में आपात लैंडिंग

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के हेलीकॉप्टर की शुक्रवार दोपहर को चौधरी सरवण कुमार कृषि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय पालमपुर के मैदान में आपात र्लैंंडग करवाई गई। यहां से मुख्यमंत्री सरकारी वाहन से जोगेंद्रनगर के लिए रवाना हुए। मुख्यमंत्री ने जोगेंद्रनगर में श्रीरामकृष्ण आश्रम लदरूंही में शतचंडी महायज्ञ व विराट हिंदू महासम्मेलन के समापन समारोह में शामिल होना था। उनका हेलीकॉप्टर को डोहग (जोगेंद्रनगर) में उतरना था, लेकिन आसमान में बादल और धुंध के कारण दोपहर साढे़ बारह बजे कृषि विश्वविद्यालय के मैदान में लैंडिंग करवाई गई। कार्यक्रम में भाग लेने के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर फिर पालमपुर से हेलीकॉप्टर के माध्यम से शिमला के लिए रवाना हुए।

पौना घंटा आसमान में चक्कर लगाता रहा विमान

गगल स्थित कांगड़ा एयरपोर्ट में खराब मौसम के चलते शुक्रवार को दोपहर सवा एक एयर इंडिया का विमान नहीं उतर पाया। यह विमान करीब पौने घंटे तक आसमान में चक्कर लगाता रहा, लेकिन बाद में इसे अमृतसर में आपात र्लैंंडग करनी पड़ी। इस विमान से 40 यात्री दिल्ली से गगल आने थे और 52 यात्री गगल से दिल्ली जाने थे। हालांकि सुबह सवा आठ बजे आने वाले विमान की सुरक्षित लैंडिंग हो गई। खराब मौसम के कारण दोपहर बाद 2 बजे और 4 बजे आने वाली स्पाइस जेट की दोनों ही विमान सेवाएं नहीं आई। कांगड़ा एयरपोर्ट के निदेशक सोनम नुरबू के मुताबिक खराब मौसम के चलते एयर इंडिया का विमान करीब पौने घंटे के बाद वापस चला गया और अमृतसर में आपात र्लैंंडग हुई। एयरपोर्ट में केवल एक ही विमान सेवा सुबह सवा आठ बजे एयर इंडिया का विमान लैंड कर पाया, जबकि स्पाइस जेट की दोनों ही विमान सेवाएं नहीं आई ।


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