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स्क्रब टायफस के पांच नए मामले आए सामने

धामी की 21 वर्षीय सुनीता और मुंडाघाट की शारदा देवी शामिल हैं। पीड़ित अस्पताल में उपचाराधीन है। आईजीएमसी के एमएस डॉ. जनक ने बताया कि अस्पताल में स्क्रब टायफस संबंधी सभी टेस्ट और दवाईयां मुफ्त उपलब्ध करवाई जा रही हैं। किसी भी कारण से आए बुखार को नजरअंदाज न करें। तुरंत डॉक्टर के पास जाएं और बुखार की जांच करवाएं। उन्होंने बताया कि बुखार यदि एक हफ्ते से ज्यादा चले तो मरीज का मर्ज चरम तक पहुंच सकता है। ऐसे में मरीज की हालत गंभीर हो जाती है। घास के बीच में पनपे कीड़े के काटने से स्क्रब फैल रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में आमतौर पर महिलाएं खेतों में अधिक काम करती हैं। ऐसे में उन्हें पू

By JagranEdited By: Published: Mon, 07 Oct 2019 03:13 PM (IST)Updated: Mon, 07 Oct 2019 03:13 PM (IST)
स्क्रब टायफस के पांच नए मामले आए सामने
स्क्रब टायफस के पांच नए मामले आए सामने

जागरण संवाददाता, शिमला : प्रदेशभर में लोग लगातार स्क्रब टायफस की चपेट में आ रहे हैं। राजधानी शिमला के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आइजीएमसी) में रोजाना स्क्रब टायफस मामले सामने आ रहे हैं। सोमवार को अस्पताल में स्क्रब टायफस के लक्षणों वाले करीब 25 लोगों के टेस्ट किए। इसमें कुल्लू के आनी की 33 वर्षीय रमा, जुब्बल की 30 वर्षीय हेमा, शिमला के 92 वर्षीय पूर्ण चंद, धामी की 21 वर्षीय सुनीता और मुंडाघाट की शारदा देवी शामिल की रिपोर्ट पॉजीटिव आई है। पीड़ित अस्पताल में उपचाराधीन है।

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आइजीएमसी के एमएस डॉ. जनक ने बताया कि अस्पताल में स्क्रब टायफस संबंधी सभी टेस्ट और दवाएं मुफ्त उपलब्ध करवाई जा रही हैं। किसी भी कारण से आए बुखार को नजरअंदाज न करें। तुरंत डॉक्टर के पास जाएं और स्वास्थ्य जांच करवाएं। उन्होंने बताया कि बुखार यदि एक सप्ताह से ज्यादा रहे तो मरीज का मर्ज चरम तक पहुंच सकता है। ऐसे में मरीज की हालत गंभीर हो जाती है। घास के बीच में पनपे कीड़े के काटने से स्क्रब फैल रहा है।

ग्रामीण क्षेत्रों में आमतौर पर महिलाएं खेतों में अधिक काम करती हैं। ऐसे में उन्हें पूरे बाजू के कपड़े और पैरों में जुराब और जूते पहन कर खेत जाना चाहिए। बैठकर घास काटने, पीठ और सिर पर बोझा उठाते हुए स्क्रब टायफस का कीड़ा शरीर में प्रवेश कर सकता है। ऐसे में महिलाओं को प्लास्टिक के ढाठू से बालों और गर्दन के पूरे हिस्से को कवर करना चाहिए। खेत से आने के बाद अच्छी तरह से साबुन से नहा लें और खेत में पहने कपड़ों को भी बदल लें।

मल्टीपल ऑर्गनस में वायरल के पहुंचने से होती है मौत

स्क्रब टायफस वाला कीड़ा जब काटता है तो वह अपनी लार छोड़ता है। ऐसे में पीड़ित व्यक्ति को इन्फेक्शन हो जाता है। जब यह इन्फेक्शन मल्टीपल ऑर्गनस में पहुंच जाता है तो मरीज की मौत हो जाती है। लंग्स, किडनी, लिवर में इन्फेक्शन पहुंचने से ये सभी काम करना बंद कर देते हैं। ऐसी स्थिति में मरीज का बच पाना संभव नहीं हो पाता। इसके अलावा मरीज का अस्पताल में बीमारी की लेट जांच करवाना भी मौत का कारण होता है।


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