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फर्जी डिग्रियां बनाने वाला मुख्य आरोपित पुलिस गिरफ्त से बाहर

शिमला पुलिस ने बीती रात 20 से 25 हजार रुपये में ़फर्•ाी डिग्री,मार्कशीट,सर्टिफिकेट और डिप्लोमा बेचने वाले गिरोह के तार सोलन के नालागढ़ क्षेत्र से जुड़ रहे है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 14 Jan 2019 09:15 PM (IST)Updated: Mon, 14 Jan 2019 09:15 PM (IST)
फर्जी डिग्रियां बनाने वाला मुख्य आरोपित पुलिस गिरफ्त से बाहर
फर्जी डिग्रियां बनाने वाला मुख्य आरोपित पुलिस गिरफ्त से बाहर

जागरण संवाददाता, शिमला : फर्जी डिग्रियां, मार्कशीट, सर्टिफिकेट और डिप्लोमा बेचने वाले गिरोह के तार सोलन के नालागढ़ क्षेत्र से जुड़ हैं। शिमला पुलिस ने कुछ दिन पहले 20 से 25 हजार रुपये में फर्जी डिग्रियां बेचने वाले गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया था।

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आरोपितों ने पूछताछ में एक अन्य युवक का नाम लिया है, जोकि नालागढ़ का रहने वाला है। आरोपितों ने बताया है कि वे फर्जी डिग्रियां और सर्टिफिकेट नहीं बनाते हैं। नालागढ़ के युवक से इन्हें लाते थे। पुलिस फिलहाल उक्त युवक को पकड़ने का प्रयास कर रही है, लेकिन आरोपित घर से फरार है। पुलिस को अभी ये पता नहीं चल पाया है कि इस पूरे गिरोह का सरगना कौन है। मामले की कड़ियां जुड़ रही हैं। आरोपितों ने बताया है कि एक साल से डिग्री बेचने का काम कर रहे थे।

पुलिस को अंदेशा है कि इस मामले के तार इंटरस्टेट हो सकते हैं, लेकिन यह तो तभी पता चलेगा जब मुख्य आरोपित गिरफ्तार होगा। पुलिस इस मामले को काफी बड़ा मान रही है। बीते सप्ताह गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया था। इनके पास से हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन की तीन फर्जी डिग्रियां पकड़ी थी। फिर एक ओर आरोपित ठियोग से गिरफ्तार किया था। उसी ने नालागढ़ के युवक का नाम लिया है।

पुलिस को सूचना मिली थी कि शिमला में एक गिरोह फर्जी डिग्रियां बनाकर बेचने का काम कर रहा है। पुलिस ने शिकायतकर्ता के साथ मिलकर जाल बिछाया और पहले तीन आरोपितों को पकड़ा। इस मामले का भंडाफोड़ होने के बाद विवि प्रशासन में हड़कंप मच गया है। जो डिग्रियां बरामद की गई हैं उन्हें ं देखकर कहीं से ऐसा नहीं लग रहा है कि ये फर्जी हैं। फर्जी डिग्रियों के माध्यम से अगर लोगों ने रोजगार हासिल कर लिया होगा तो कईयों की नौकरी भी जा सकती है।

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ऐसे हुआ था मामले का भंडाफोड़

नाहन कोर्ट में अधिवक्ता अश्वनी शर्मा कुछ माह पूर्व शिमला में फार्म भरने के लिए आए थे। इस दौरान एक छात्र ने उन्हें बताया कि उनकी जान पहचान का एक व्यकित है, वह सीधे पास करवा देता है। इसके बाद ही शिकायतकर्ता ने फोन पर बात की और बीए सेकंड और बीए फाइनल की डिग्री की बात कही। दोनों डिग्रियों की कीमत 25 हजार रुपये तय कर ली। वीरवार को डिग्री देने का हवाला युवक ने दिया था। शिकायतकर्ता ने पुलिस का पहले ही सूचना दे दी। पुलिस ने जाल बिछाकर शातिरों को दबोच लिया। तीनों आरोपितों की पहचान जय देव, सुनील और सौरभ के रूप में हुई है और ये तीनों ठियोग के बड़ोग गांव के रहने वाले हैं। इसके बाद राकेश कुमार ठियोग क्षेत्र से गिरफ्तार किया।


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