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रेलवे ने शिमला-कालका ट्रैक पर एक परीक्षार्थी के लिए चलाई स्पेशल एग्जाम ट्रेन, जानिए पूरा मामला

Kalka Shimla Track कालका-शिमला हेरिटेज ट्रैक पर करीब पांच महीने बाद एग्जाम स्पेशल ट्रेन चली। एनडीए के परीक्षार्थियों की सुविधा के लिए यह विशेष ट्रेन चलाई गई थी।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Sun, 06 Sep 2020 12:17 PM (IST)Updated: Sun, 06 Sep 2020 04:48 PM (IST)
रेलवे ने शिमला-कालका ट्रैक पर एक परीक्षार्थी के लिए चलाई स्पेशल एग्जाम ट्रेन, जानिए पूरा मामला
रेलवे ने शिमला-कालका ट्रैक पर एक परीक्षार्थी के लिए चलाई स्पेशल एग्जाम ट्रेन, जानिए पूरा मामला

शिमला, अनिल ठाकुर। विश्व धरोहर कालका शिमला रेलवे ट्रैक पर पांच महीने के लंबे समय के बाद यात्री ट्रेन पहुंची। एनडीए (नेशनल डिफेंस अकादमी) की परीक्षा के लिए रेलवे की ओर से 'एग्जाम स्पैशल एक्सप्रैस' ट्रेन चलाई गई। सोलन से शिमला के लिए चली इस ट्रेन में केवल दो ही लोग सफर करके पहुंचे। इसमें एक अभ्यर्थी था, जबकि दूसरा यात्री उसके पिता थे। शनिवार देर शाम तक रेलवे के पास दो ही टिकटों की बुकिंग हुई थी, बावजूद इसके रेल को रद नहीं किया गया। एग्जाम स्पेशल ट्रेन सोलन से सुबह 4:30 बजे चली और शिमला सुबह 7:10 बजे पहुची। शिमला में 15 केंद्रों में परीक्षा आयोजित हुई। अन्य छात्र बसों और निजी वाहनों में ही पेपर देने पहुंचे। ट्रेन में आने के लिए और परीक्षार्थियों ने रुचि नहीं दिखाई। परीक्षा खत्म होने के बाद शाम 6:30 बजे स्पेशल ट्रेन शिमला से रवाना हुई और रात 9:10 बजे सोलन पहुंची।

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7 कोच में 248 लोगों के बैठने की क्षमता

रेलवे मुख्य वाणिज्यक पर्यवेक्षक कालका-शिमला अमर सिंह ठाकुर ने बताया 47 किलोमीटर का यह ट्रैक है। रविवार को स्पेशल ट्रेन चलाई गई। इस ट्रेन में 7 कोच हैं और इसमें 248 लोगों के बैठने की क्षमता है। इसका किराया 45 रुपये प्रति सीट है। दो टिकट ही बिकने से एक तरफ की केवल 90 रुपये कमाई हुई। 5 महीने के बाद यह ट्रेन चली है।

47 किलोमीटर है सोलन से शिमला की दूरी

शिमला से सोलन की दूरी 47 किलोमीटर है। इसमें तीन घंटे का समय लग जाता है। सोलन से शिमला का किराया 45 रुपये है।

रेलवे दूसरा विकल्प देता तो उसके लिए भी तैयार थे: सुशील दत्त

परीक्षार्थी के पिता सुशील दत्त ने कहा अखबार में सूचना पड़ी कि एनडीए की परीक्षा देने आने वाले छात्रों के लिए सरकार एग्जाम स्पेशल ट्रेन चलाने जा रही है। पहले उन्होंने बस में आने की योजना बनाई थी, लेकिन सरकार द्वारा चलाई जा रही इस सेवा की सूचना मिलने के बाद बस के बजाय ट्रेन से आने की योजना बनाई। रविवार 4:00 बजे रेलवे स्टेशन पहुंच गए थे। 4:15 बजे यह ट्रेन चली तब पता चला कि वह दो ही लोग इस ट्रेन में सफर कर रहे हैं। यदि रेलवे उन्हें टैक्सी से सफर करने का विकल्प देता तो वह उसके लिए भी तैयार थे। सुशील दत्त शर्मा सिरमौर जिला के वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला चारणा में पीजीटी नॉन मेडिकल के पद पर कार्यरत हैं। मूलत: वह सोलन जिला के नालागढ़ के काटल गांव से संबंध रखते हैं। सोलन में वह अपने परिवार के साथ रहते हैं।

ट्रेन का सफर आरामदायक : अनुराग

एनडीए की परीक्षा देने ट्रेन से पहुंचे परीक्षार्थी अनुराग ने कहा कि ट्रेन में बस और टैक्सी से आरामदायक सफर होता है। सफर को काफी एंजाय भी किया है। सफर का पता ही नहीं चला कि कब शिमला पहुंचे।


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