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Water Crisis: शिमला में हर साल 20 प्रतिशत पेयजल परियोजनाएं बढ़ाती हैं चिंता, जल संकट से परेशान जनता

Water Crisis शिमला सर्किल के तहत ही 1434 पेयजल परियोजनाएं आती हैं। इसके अलावा 900 परियोजनाएं अन्य दो सर्किल में आती हैं। इसमें से 20 प्रतिशत पेयजल परियोजनाएं गर्मी के मौसम में सूखने की कगार पर पहुंच जाती हैं।

By Jagran NewsEdited By: Swati SinghPublished: Sat, 01 Apr 2023 09:39 AM (IST)Updated: Sat, 01 Apr 2023 09:39 AM (IST)
Water Crisis: शिमला में हर साल 20 प्रतिशत पेयजल परियोजनाएं बढ़ाती हैं चिंता, जल संकट से परेशान जनता
शिमला में हर साल 20 प्रतिशत पेयजल परियोजनाएं बढ़ाती हैं चिंता

शिमला, जागरण संवाददाता। जिला शिमला में 20 प्रतिशत पेयजल परियोजनाएं हर वर्ष गर्मियों में हांफ जाती हैं। जलशक्ति विभाग हांफ रही परियोजनाओं को साथ लगते क्षेत्रों को सप्लाई देने वाली परियोजनाओं से जोड़ता है या फिर टैंकरों से पानी की सप्लाई देता है। अब विभाग में ऐसी पेयजल परियोजनाओं के लिए अतिरिक्त स्रोत तलाश रहा है। जिला शिमला में लोगों के घरों में नल से जल पहुंचे इसके लिए 2370 परियोजनाएं पेयजल की जल शक्ति विभाग ने बना रखी है।

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करीब 474 पेयजल परियोजनाओं में पानी की कमी रहती है। जिला में तीन सर्किल जल शक्ति विभाग ने बनाए हैं। इसमें शिमला, रामपुर और रोहडू का सर्किल है। शिमला सर्किल के तहत ही 1434 पेयजल परियोजनाएं आती हैं। इसके अलावा 900 परियोजनाएं अन्य दो सर्किल में आती हैं। इसमें से 20 प्रतिशत पेयजल परियोजनाएं गर्मी के मौसम में सूखने की कगार पर पहुंच जाती हैं। यहां पर पानी की आपूर्ति को पूरा करने के लिए विभाग साथ लगती परियोजनाओं से अस्थायी तौर पर पाइपें जोड़ता है या फिर टैंकरों से सप्लाई देनी पड़ती है।

जिला के ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी प्राकृतिक स्रोतों पर लोगों की निर्भरता ज्यादा रहती है। इसे बनाए रखने के लिए लोग अपने स्तर पर भी काम करते हैं। जल शक्ति विभाग के अधिशाषी अभियंता डीके लोहिया ने बताया कि लोगों को पानी की कमी न हो इसलिए पहले से योजना बनानी शुरू कर दी है। अस्थायी तौर पर दूसरी परियोजनाओं से सप्लाई उठाने के लिए पाइपों की व्यवस्था फील्ड में करवा दी है।

सोलन में है पेयजल संकट

सोलन। गर्मियों का मौसम शुरू होते ही जिला सोलन में पेयजल संकट शुरू हो जाता है। जिले में 601 पेयजल योजनाओं के माध्यम से करीब 3.90 लाख लोगों को पेयजल आपूर्ति दी जाती है। जिला में 143 ऐसी पेयजल योजनाएं हैं जहां पर गर्मियों के दिनों में पानी सूख जाता है या फिर इनका जलस्तर कम हो जाता है। प्रत्येक वर्ष अप्रैल के पहले सप्ताह में पानी की दिक्कत आनी शुरू हो जाती है, लेकिन इस वर्ष सर्दियों के दिनों में वर्षा न होने से फरवरी में जिला की करीब 50 पेयजल योजनाओं का जलस्तर कम हो चुका था, लेकिन मार्च में हुई वर्षा के बाद जल शक्ति विभाग को राहत मिली है तथा अधिकतर पेयजल स्रोत इस वर्षा से रिचार्ज हुए हैं।

पानी की सबसे अधिक समस्या अर्की उपमंडल में रहती है। इस उपमंडल के तहत 262 पेयजल योजनाएं हैं जिसमें से 90 पेयजल योजनाओं का पानी सूख जाता है या फिर जलस्तर काफी अधिक कम हो जाता है। इन पेयजल योजनाओं के माध्यम से अर्की उपमंडल की करीब 1.20 लाख लोगों को पानी की आपूर्ति दी जा रही है। जल शक्ति विभाग द्वारा गर्मियों के दिनों में ऐसी तमाम योजनाओं को इंटर कनेक्ट कर दिया जाता है, जिनमें जलस्तर कम हो जाता है। इन योजनाओं को ऐसी योजनाओं से जोड़ा जाता है जहां पर पानी पर्याप्त मात्रा में रहता है। विभाग की इस योजना से पानी की समस्या थोड़ी कम हो जाती है। इसके अलावा जल शक्ति विभाग की ओर से टैंकरों के माध्यम से भी पानी दिया जाता है।

पहले ही चिह्नित कर ली कम जलस्तर वाली परियोजनाएं

अभी तक सामने आए अनुभवों से ऐसी सभी संवेदनशील परियोजनाओं को चिह्नित कर दिया है जहां पर पानी की कमी गर्मियों में हो जाती है। यहां पर पाइप से लेकर अन्य व्यवस्था करवा दी है। हालांकि पहाड़ में बर्फ पिघलने के कारण जिला में पानी की ज्यादा खराब स्थिति नहीं रहती है। वर्ष में 20 से 25 दिन ही ऐसी स्थिति पैदा होती है। इसे खत्म करने के लिए विभाग ने पहले ही एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने का काम शुरू किया है। इसमे गर्मी में सूखने वाले स्रोतों को अतिरिक्त छोटे पेयजल स्रोतों से जोड़ा जाएगा। इससे इन परियोजनाओं से पूरा साल पानी की सप्लाई बेहतर तरीके से पर्याप्त मात्रा में मिल सकेगी।

गर्मी में कम हो जाता है जलस्तर

सोलन में 50 योजनाओं का जलस्तर कम होता है।  सोलन उपमंडल के तहत भी 219 पेयजल योजनाएं हैं। इनमें से 50 पेयजल योजनाओं का जलस्तर गर्मियों के दिनों में कम हो जाता है। इन पेयजल योजनाओं के माध्यम से करीब 1.50 लाख लोगों को पानी मुहैया करवाया जा रहा है। गर्मियों के दिनों में विभाग द्वारा सूखने वाली सभी पेयजल योजनाओं को अन्य योजनाओं से जोड़ दिया जाता है।

पानी अनमोल, इसे बचाना सबका दायित्व

पानी अनमोल है, इसे बचाना सभी का दायित्व है। यदि कहीं पानी की बर्बादी हो रही है, पाइपों में लीकेज हो रही है या पानी के टैंक ओवर फ्लो हो रहे हैं तो उनके चित्र खींचकर विस्तृत जानकारी के साथ हमें भेजें। अपना नाम व पता लिखना न भूलें। जल संरक्षण के लिए कोई संदेश या सुझाव हो तो भेजें। 94181-03259, 82190-71551 Email:-shimla@drm.jagran.com inchargesol@drm.jagran.com

नालागढ़ में तीन पेयजल योजनाओं में होती है पानी की किल्लत जिला के नालागढ़ उपमंडल में 219 पेयजल योजनाएं हैं। इनमें से केवल तीन पेयजल योजनाओं में गर्मियों के दिनों में पानी कम हो जाता है। अन्य सभी पेयजल योजनाओं को जल शक्ति विभाग द्वारा ट्यूबवेल सुविधा से जोड़ा गया है जिसके कारण किसी हद तक नालागढ़ उपमंडल में पानी की समस्या नहीं रही। जल शक्ति विभाग द्वारा करीब 1.20 लाख लोगों को पीने का पानी मुहैया करवाया जा रहा है।


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