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9897 पीटीए, पैट और पैरा शिक्षकों को नियमित करने की मंजूरी

प्रदेश के सरकारी स्कूलों में सेवाएं दे रहे 9897 पीटीए पैट और

By JagranEdited By: Published: Tue, 04 Aug 2020 08:09 PM (IST)Updated: Wed, 05 Aug 2020 07:40 AM (IST)
9897 पीटीए, पैट और पैरा शिक्षकों को नियमित करने की मंजूरी

जागरण संवाददाता, शिमला : प्रदेश के सरकारी स्कूलों में सेवाएं दे रहे 9897 पीटीए, पैट और पैरा शिक्षकों को सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है। मंगलवार देर शाम सरकार की ओर से इन शिक्षकों को नियमित करने की अंतिम मंजूरी दे दी है। बुधवार को शिक्षा विभाग की ओर से अधिकारिक तौर पर अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। नियमित होने वाले शिक्षकों में 6500 पीटीए, 3300 पैट और 97 पैरा शिक्षक शामिल हैं। बैकडेट से इन्हें नियमित करने की संभावना काफी कम है।

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मंगलवार को दिनभर इन शिक्षकों को नियमित करने को लेकर चर्चा चलती रही। पैरा और पैट शिक्षकों पर वित्त विभाग ने मंजूरी दे दी थी। दोपहर करीब 12 बजे वित्त विभाग ने पीटीए को लेकर कुछ अतिरिक्त जानकारी शिक्षा सचिव राजीव शर्मा से मांगी। देर शाम इसकी फाइल वापस आई। सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने के बाद 25 जून को प्रदेश मंत्रिमंडल ने अस्थायी शिक्षकों को नियमित करने की मंजूरी दी थी। मंत्रिमंडल की मंजूरी के 40 दिन बाद अब इन्हें नियमित किया जा रहा है।

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17 अप्रैल को को सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया था फैसला

17 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने अस्थायी शिक्षकों को राहत देते हुए सभी याचिकाओं को रद कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने नौ दिसंबर 2014 को दिए गए हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायलय के फैसले को बरकरार रखा था। नौ दिसंबर 2014 को हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायलय ने अस्थाई शिक्षकों के हक में फैसला सुनाया था। फैसला आने के बाद राज्य सरकार ने 10 साल का सेवाकाल पूरा कर चुके पैरा शिक्षकों को नियमित करने और सात साल का कार्यकाल पूरा कर चुके शिक्षकों को अनुबंध पर लाया था। मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, 22 जनवरी 2015 में सुप्रीमकोर्ट ने मामले पर यथास्थिति बरकरार रखने के आदेश दिए थे। इसके बाद से शिक्षक अनुबंध पर आ गए थे, लेकिन नियमित नहीं हो पाए थे। उस समय जो शिक्षक किन्हीं कारणों से अनुबंध पर नहीं आ पाए थे, वे पीटीए पर ही सेवाएं दे रहे थे। अस्थायी शिक्षकों ने 10 साल कोर्ट में कानूनी लड़ाई लड़ी।


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