नशे के कारोबार पर सख्ती, सिक्किम की तर्ज पर होंगे प्रावधान
हिमाचल में अब नशे के अवैध कारोबार पर कड़ा शिकंजा कसेगा।
राज्य ब्यूरो, शिमला : हिमाचल में अब नशे के अवैध कारोबार पर कड़ा शिकंजा कसेगा। मादक द्रव्य पदार्थ रखने अथवा बिक्री करने वालों की अब जमानत नहीं होगी। छोटी मात्रा पकड़े जाने पर भी आरोपित को सीधे जेल जाना पड़ेगा। इस बारे में राज्य सरकार नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्स्टांसेज एक्ट में संशोधन के लिए विधेयक लाएगी। शुक्रवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में संशोधन विधेयक 2018 लाने को मंजूरी प्रदान कर दी गई। सरकार मादक द्रव्य पदार्थो के तस्करों के खिलाफ कड़ी कारवाई करेगी। इस मामले में सिक्किम के एक्ट को लागू किए जाने की तैयारी है। वहां के एक्ट के प्रावधानों को हिमाचल में भी लागू किया जा सकता है। सिक्किम में नशे के आदी व्यक्ति को निशा निवारण केंद्र में ले जाना जरूरी होता है। सख्ती के साथ सुधारवादी प्रावधान भी हैं। कर्मचारियों के लिए सजा के प्रावधान अलग है। चिट्टे के चंगुल में है जवानी
प्रदेश की जवानी चिट्टे जैसे नशे के चंगुल में हैं। यह हेरोइन का ही एक रूप है। इसके अवैध कारोबार में पहाड़ का युवा वर्ग फंसता जा रहा है। पुलिस ने नशे के साथ विदेशियों को भी गिरफ्तार किया है। नशे के सौदागर चंद पैसों की खातिर युवाओं की जवानी को बर्बाद करने पर तुले हुए हैं। पड़ोसी राज्य पंजाब का असर प्रदेश में भी दिखाई दे रहा है। इससे चिंतित सरकार ने एक्ट में संशोधन करने का फैसला लिया है। पुलिस ने दिए हैं प्रस्ताव
राज्य पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट से संबंधित कई प्रस्ताव सरकार को दिए हैं। पुलिस खुद भी अवैध कारोबारियों पर सख्ती बरत रही है। पुलिस कर्मियों के लिए इनामी योजना आरंभ की है। इससे एनडीपीएस के केस अधिक पकड़ में आने लगे हैं।