आइजीएमसी में कोरोना से मरने वालों के लिए अलग से बनेगा शवगृह
रखा जाएगा। आइजीएमसी में इसके लिए अलग शव गृह बनाया जाएगा। यह मुख्य रास्ते से दूर रहेगा ताकि लोगों में संक्रमण फैलने का खतरा न रहे। इसके लिए जल्द जगह चिन्हित की जाएगी। अस्पताल प्रशासन ने जगह तय करने के लिए उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया है। कमेटी बैठक करके तय करेगी कि शव गृह कहां बनाया जाना चाहिए। अस्पताल एमएस डॉ. जनकराज ने बताया कि आइजीएमसी में शवगृह बनाने पर विचार चल रहा है। शव गृह बनाने में सरकार द्वारा निर्देशित गाइड
जागरण संवाददीाता, शिमला : इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आइजीएमसी) शिमला में कोरोना से मरने वालों के लिए अलग से शवगृह बनाने के लिए जल्द जगह चिह्नित होगी। इसके लिए अस्पताल प्रशासन ने उच्चस्तरीय टीम गठित कर दी है। कोरोना से यदि किसी की मौत हो जाती है तो उसे इस अलग शव गृह में रखा जाएगा। यह शवगृह मुख्य रास्ते से दूर रहेगा ताकि संक्रमण फैलने का खतरा न रहे। गठित कमेटी बैठक कर तय करेगी कि शव गृह कहां बनाया जाना चाहिए।
अस्पताल एमएस डॉ. जनकराज ने बताया कि आइजीएमसी में शवगृह बनाने पर विचार चल रहा है। शवगृह बनाने में सरकार की गाइडलाइन का पालन किया जाएगा। पिछले दिनों आइजीएमसी के कैंसर अस्पताल के समीप शवगृह बनाया जा रहा था। इसका काम शुरू होते ही लोगों ने विरोध कर दिया था और अंत में प्रशासन ने काम रोक दिया है। इस मामले को दैनिक जागरण ने भी प्रमुखता से उठाया था। आइजीएमसी के साथ वाले डेंटल कॉलेज नर्सिग कॉलेज से लेकर क्रच तक जाने वाले लोग इसी रास्ते का इस्तेमाल करते हैं। रोजाना इस रास्ते से हजारों लोगों की आवाजाही लगी रहती है। इसलिए यहां पर इसे बनाने का विरोध किया जा रहा था।
-------------------
पीपीई किट्स व मास्क उपलब्ध
अस्पताल प्रशासन का कहना है कि कोरोना से निपटने के लिए डॉक्टरों, नर्साें व अन्य स्टाफ के लिए पीपीई किट्स, मास्क, सैनिटाइजर सहित अन्य जरूरी उपकरण पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। रोजाना इन सामान की सप्लाई आ रही है। कोरोना पॉजिटिव मरीजों के लिए आइसोलेशन वार्ड में 57 बिस्तरों का प्रबंध किया गया है। जरूरत पड़ने पर बैडों की संख्या बढ़ाई जा सकती है।
----------------
डेड बॉडी हेंडलिग नियमों की होगी पालना
कोरोना मृतकों के लिए शवगृह बनाने से लेकर पोस्टमार्टम और शव को परिजनों को सौंपने के लिए डेड बॉडी हेंडलिग प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा। बॉडी का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों को संक्रमण से बचाने के लिए विशेष सतर्कता बरती जाएगी। पोस्टमार्टम के बाद स्वजनों को बॉडी देने से पहले विशेष बैग में भरा जाएगा।