पांच बजे से पहले बैग उठा चल दिए कर्मचारी
सरकारी कार्यालयों में छुट्टी तो पांच बजे होती है।
अजय बन्याल, शिमला
सरकारी कार्यालयों में छुट्टी तो पांच बजे होती है, लेकिन डीसी ऑफिस शिमला में कई ऐसे कर्मचारी हैं जो पांच बजे से पहले बैग उठाकर घर को निकल पड़ते हैं। सोमवार शाम चार बजे दैनिक जागरण की टीम डीसी ऑफिस पहुंची तो पंजीकरण लिपिक के दोनों काउंटर पर कर्मचारी नहीं थे। सहयोगियों ने कहा कि दोनों कोर्ट गए हैं। हालांकि ऐसा एक ही ब्रांच में नहीं थी। हर ब्रांच में कुछ कर्मचारी नदारद थे। सहयोगी कर्मचारी तर्क देते रहे कि बाहर गए हैं या अन्य ब्रांच में हैं, लेकिन काफी देर तक वापस ही नहीं आए। इसके बाद कर्मचारियों ने बैग उठाकर गए कुछ कर्मचारियों को कार्यालय में बुलाया। अब बैग उठाकर यह कर्मचारी दूसरी ब्रांच में क्या कर रहे थे।
इस तरह के कामकाज के कारण जनता का बार-बार कार्यालयों से चक्कर लगाने पड़ते हैं। 29 अगस्त को भी दैनिक जागरण ने सुबह दस बजे के बाद भी कई कर्मचारियों के नदारद रहने की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इसके बाद उपायुक्त ने अनुपस्थित रहने वाले कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।
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यहीं थे सारे कर्मचारी..
सहायक पंजीयक से एक महिला कर्मी चार बजकर 17 मिनट पर बैग उठाकर निकल गई, लेकिन साढ़े चार बजे तक कर्मी वापस नहीं आई। वहीं, दैनिक जागरण की टीम अन्य ब्रांच में जा रही थी तो कुछ कर्मचारी एक-दूसरे को सूचना देने लग गए। पौने पांच बजे एक कर्मी आया कि साहब ने बुलाया है, फिर कुछ कर्मचारी आ पहुंचे और कहने लगे कि सारा स्टाफ यहीं है। कोई भी नहीं गया, जबकि जो महिला कर्मी बैग उठाकर गर्ई थी, उसके बारे में स्टाफ और साहब जवाब नहीं दे पाए।
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बैग उठाकर निकली कर्मी, कैमरे को देख वापस लौटीं
करीब पौने पांच बजे एक महिला कर्मी बैग उठाकर एडीएम कार्यालय के सामने से गुजर रहीं थी तो कैमरामैन ने फोटो खींचा। यह देखकर महिला कर्मचारी ने बैग से मोबाइल निकाला और वापस ऊपरी मंजिल में अपने कार्यालय में चली गई। फिर पांच बजे के बाद महिला कार्यालय से निकलीं।
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अधिकारियों के साथ अटैच स्टाफ पांच बजे के बाद भी देता है ड्यूटी
अधिकारियों के साथ अटैच स्टाफ सुबह दस बजे से पहले पहुंच जाता है। वहीं शाम को तब तक कार्यालय से नहीं जाता है जब तक अधिकारी कार्यालय से नहीं जाते हैं। इसके अलावा कई ऐसे कर्मचारी भी हैं, जो पांच बजे के बाद भी फाइलों को निपटाते रहते हैं।
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कैंटीन के सामने ड्यूटी टाइम बीड़ी का कश
यूं तो सार्वजनिक स्थानों पर बीड़ी-सिगरेट पीना मना है, लेकिन डीसी ऑफिस की कैंटीन के बाहर दो कर्मचारी सरेआम बीड़ी पी रहे थे। इन्हें रोकने वाला कोई नहीं था। ये देखकर यहां से गुजरने वाले लोग भी हैरान थे। ऐसे में प्रशासन की कार्यप्रणाली की पोल खुल रही है।
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जो कर्मचारी ब्रांच में मौजूद नहीं थे, उनसे कारण पूछा जाएगा। ड्यूटी समय का अनुपालन कर्मचारियों को करना ही होगा।
-अमित कश्यप, उपायुक्त।
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अगर कर्मचारी ड्यूटी से नदारद रहते हैं तो ये निगरानी रखना इंचार्ज का कार्य है। ऐसे कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन फील्ड और कोर्ट में कई कर्मचारी व्यस्त रहते हैं। बायोमीट्रिक मशीन लगाना व्यवहारिक नहीं है। कई कर्मचारी सुबह नौ बजे पहुंच जाते हैं, जबकि शाम को आठ बजे तक ड्यूटी देते हैं।
-दिनेश शर्मा, अध्यक्ष, उपायुक्त कार्यालय कर्मचारी यूनियन।