बीओडी बनने तक उपायुक्त के पास रहेगा केसीसी बैंक प्रबंधन
कांगड़ा केंद्रीय सहकारी (केसीसी) बैंक का निदेशक मंडल (बीओडी) गठित होने तक बैंक प्रबधन को उपायुक्त संभालेंगे।
राज्य ब्यूरो, शिमला : कांगड़ा केंद्रीय सहकारी (केसीसी) बैंक का निदेशक मंडल (बीओडी) गठित होने तक बैंक का प्रबंधन जिला उपायुक्त के पास रहेगा। ऐसा इसलिए हुआ है कि सरकार ने उच्च न्यायालय में चल रहे मामले को वापस ले लिया है। इसके फलस्वरूप बैंक के अध्यक्ष जगदीश सिपहिया को सरकार ने फिर निलंबित किया है।
भर्तियों में अनियमितताओं को लेकर निशाने पर आए बैंक की बीओडी को सरकार ने भंग कर दिया था। इसके बाद जगदीश सिपहिया ने याचिका के माध्यम से हाईकोर्ट में अपील दायर की थी। इसमें तर्क दिया गया था कि बीओडी का निलंबन कानूनन गलत है। सरकार ने न्यायालय के आदेश को देखते हुए पहले सिपहिया का निलंबन वापस लिया और उसके बाद न्यायालय से मामला वापस लिया। उसके तुरंत बाद सिपहिया को फिर निलंबित कर दिया। बैंक की बीओडी निलंबित होने की स्थिति में प्रशासनिक दायित्व जिला उपायुक्त को सौंप दिया गया है। इससे पहले भी डीसी के पास जिम्मेदारी रह चुकी है। कांग्रेस सरकार के सत्ता से बाहर होने के बाद जयराम सरकार ने केसीसी बैंक के अध्यक्ष व बीओडी को कई तरह की अनियमितताओं के कारण निलंबित कर दिया था। केसीसी बैंक के बीओडी को जयराम सरकार ने छह अप्रैल को भंग किया था। विवाद गहराने की स्थिति में जगदीश सिपहिया ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मुलाकात कर अध्यक्ष पद से इस्तीफा सौंप दिया। तकनीकी तौर पर बैंक के अध्यक्ष का पद छोड़ने के निर्णय पर निदेशक मंडल मुहर लगाता है। बैंक प्रबंधन ने रिजर्व बैंक तथा नाबार्ड के निर्देशों को नजरअंदाज करते हुए करोड़ों के कर्ज बांटे थे। कर्ज की रकम की वापसी नहीं हुई थी।