अपराध बढ़ा, सजा दर कम
हिमाचल प्रदेश में नारकोटिक्स क्राइम के मामले में वृद्धि हो रही है।
राज्य ब्यूरो, शिमला : हिमाचल प्रदेश में नारकोटिक्स क्राइम के मामले में वृद्धि हो रही है। हर साल सैकड़ों मामले दर्ज हो रहे हैं। दस साल की बात करें तो इस दौरान 6261 मामले दर्ज किए गए। तुलनात्मक अध्ययन करने पर पता चला है कि इनमें हर साल इजाफा ही हो रहा है। तस्करी में भारतीयों के अलवा विदेशी मूल के नागरिक भी पहाड़ी राज्य में बड़ी तादाद में सक्रिय हैं। एक दशक के भीतर तस्करी के आरोप में 6175 भारतीय और 124 विदेशी पकड़े गए। कुल दर्ज मामलों में से 35 में पुलिस ने केंसलेंशन रिपोर्ट तैयार की। वहीं 347 मामले ऐसे रहे, जिनमें पें¨डग इंवेस्टीगेशन रही। यानी इनकी जांच पूरी हो पाई। 5563 केस अदालतों में भेजे गए। इनमें आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट फाइल की गई। 744 केसों में आरोपितों को सजा हुई। इनमें पुलिस के पास पुख्ता सुबूत रहे। इन केसों में पकड़े गए आरोपितों को कोर्ट ने दोषी पाया। इन्हें सजा भी हुई। वहीं 1762 केस कोर्ट में साबित नहीं हो पाए। ऐसा सुबूतों के अभाव में हुआ। इनमें आरोपित दोषमुक्त हो गए। तीन मामले सरकार ने वापस लिए।
इन सभी मामलों में सजा की औसत दर 29.68 फीसद रही। एनडीपीएस एक्ट से जुड़े आंकड़ों का विश्लेषण करें तो 2008 में सजा की दर 32.6 फीस रही। वहीं 2009 में 31.3 फीसद, 2010 में 26.1, 2011 में 25.2, 2012 में 30.5, 2013 में 24.4, 2014 में 26.4, 2015 में 42.1, 2016 में 58.3, 2017 में 60 फीसद रही।
किस वर्ष कितने मामले दर्ज
वर्ष,केस,सजा दर,सजा,दोषमुक्त
2008,374,32.6 फीसद,101 मामले,208 मामले
2009,473,31.3,126,276
2010,596,26.1,124,351
2011,570,25.2,83,246
2012,513,30.5,85,193
2013,530,24.4,64,198
2014,644,26.4,67,186
2015,622,42.1,56,77
2016,929,58.3,35,25
2017,1010,60,3,2