शहर में दूषित और अपर्याप्त पानी की आपूर्ति : माकपा
माकपा ने शिमला शहर में अशुद्ध और अपर्याप्त पेयजल आपूर्ति के लिए बीजेपी जिम्मेदार है।
जागरण संवाददाता, शिमला : माकपा ने शिमला शहर में अशुद्ध और अपर्याप्त पेयजल आपूर्ति के लिए बीजेपी शासित नगर निगम व प्रदेश सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। माकपा ने आरोप लगाया कि शहर में पर्याप्त व अच्छी गुणवत्ता वाला पेयजल उपलब्ध करवाने में ये विफल रही है। प्रदेश सरकार शहर के पेयजल के निजीकरण को प्रयासरत है और इसके लिए कंपनी का गठन किया जा चुका है और जबकि पेयजल की पर्याप्त आपूर्ति व गुणवत्ता की और कोई ध्यान नही दिया जा रहा है।
पूर्व नगर निगम के प्रयासों से यदि वर्तमान मे पेयजल की आपूर्ति देखी जाए तो 40.45 एमएलडी पानी की आपूर्ति हो रही है और नगर निगम आज भी एक दिन छोड़ कर पेयजल की आपूर्ति कर रहा है। कई क्षेत्रों में कई बार चौथे दिन पेयजल की आपूर्ति की जा रही है। आज शहर की पानी की माग 30 एमएलडी है। विडंबना तो ये है कि कई बार स्टोरेज टैंको के भरने के कारण पेयजल योजनाओं के पंप बंद किए जाते हैं। यदि हर रोज पानी की आपूर्ति नगर निगम करे तो इस प्रकार की नौबत नहीं आएगी और शहरवासियों को भी पर्याप्त पानी की आपूर्ति होगी। अश्विनी खड्ड के सेंपल बार-बार फेल होने के बावजूद सरकार व नगर निगम इस पानी की आपूर्ति करने के लिए निर्णय ले रहा है। प्रदेश सरकार यूवी ट्रीटमेंट की महंगी मशीनों को इस योजना में लगाकर फजूलखर्ची कर रही है। इसके बाद भी पानी के सेंपल फेल हुए हैं। माकपा ने माग की है कि शहर के हर वार्ड में पेयजल की आपूर्ति प्रतिदिन की जाए और पेयजल की गुणवत्ता बनाए रखी जाए। पेयजल व्यवस्था के निजीकरण की प्रक्रिया को सरकार तुरंत वापस ले। ग्रेटर शिमला वाटर सप्लाई एंड सीवरेज सर्किल को पुन: बहाल किया जाए। यदि सरकार इन मांगों पर तुरंत अमल नहीं करेगी तो सीपीएम आंदोलन करेगी।