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महीने भर में नहीं हुआ लोगों को राहत देने का फैसला

जागरण संवाददाता शिमला नगर निगम की मासिक बैठक में इस बार हंगामे के आसार हैं। पिछले

By JagranEdited By: Published: Sun, 25 Oct 2020 06:44 PM (IST)Updated: Sun, 25 Oct 2020 06:44 PM (IST)
महीने भर में नहीं हुआ लोगों को राहत देने का फैसला

जागरण संवाददाता, शिमला : नगर निगम की मासिक बैठक में इस बार हंगामे के आसार हैं। पिछले माह से अभी तक निगम कारोबारियों से लेकर आम आदमियों के कूड़े और संपत्ति कर को माफ करने पर निगम कोई फैसला नहीं ले पाया है।

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पिछली मासिक बैठक में निर्णय लिया गया था कि मामले को लेकर निगम द्वारा कमेटी गठित की जाएगी। वार्ड स्तर पर सैहब सुपरवाइजर गारबेज कलेक्टर को साथ लेकर सर्वे करेंगे। यह रिपोर्ट महापौर की अध्यक्षता में गठित कमेटी को सौंपी जाएगी। इसके बाद कूड़ा और संपत्ति कर को लेकर विशेष बैठक होगी। निगम न तो विशेष बैठक कर पाया है और न ही कमेटी गठित की। यहां तक की वार्ड स्तर पर सर्वे भी नहीं हो पाया है। इस बात से पार्षद खासा नाराज हैं। इस मसले पर निगम में हंगामा होने की आशंका बनी है। हालांकि अभी तक निगम ने शहर के होटलियर्स को ही संपत्ति कर में राहत दी है। इसके अलावा अन्य किसी को राहत देने पर सहमति नहीं हैं। हालांकि शहर में कारोबारी से लेकर आम लोग घरों पर नहीं थे।

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लाकडाउन के दौरान 60 दिन तक शिमला से बाहर रहे लोगों का मिलनी है राहत

लोगों ने तर्क दिया था कि लाकडाउन के दौरान वह शिमला में रहे ही नहीं थे। इस दौरान न ही उन्होंने कूड़ा दिया है। ऐसे में कूड़े का बिल किस बात के लिए लिया जा रहा है। निगम के अधिनियम के तहत 60 दिन तक खाली रहे भवनों के टैक्स और संपत्ति कर माफ किया जा सकता है। जिसके लिए कमेटी गठित करने का निर्णय पिछले सदन में लिया गया था। लेकिन एक माह बीत जाने के बाद भी कमेटी गठित नहीं हो पाई है।

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कूड़े और संपत्ति कर मामले में जल्द कोई फैसला लिया जाएगा। कमेटी का गठन कर वेरिफिकेशन की जाएगी और लोगों को राहत दी जाएगी।

-सत्या कौंडल, महापौर नगर निगम शिमला


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