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हिमाचल आने वालों का कोरोना टेस्ट हो अनिवार्य

हिमाचल में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बाद प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को सख्त निर्देश जारी किए हैं। न्यायाधीश त्रिलोक सिंह चौहान व ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने सरकार को आदेश दिए हैं कि राज्य के बाहर से आने वाले हर व्यक्ति का कोरोना टेस्ट अनिवार्य हो।

By Vijay BhushanEdited By: Published: Thu, 03 Dec 2020 07:02 PM (IST)Updated: Thu, 03 Dec 2020 07:02 PM (IST)
न्यायालय का प्रतीकात्मक फोटो। सौजन्य जागरण आर्काइव

शिमला, विधि संवाददाता : हिमाचल में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बाद प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को सख्त निर्देश जारी किए हैं। हालांकि कोर्ट ने कहा कि इसके लिए अकेले सरकार ही जिम्मेदार नहीं है, लोगों के गैर जिम्मेदाराना व्यवहार से भी महामारी बढ़ी है। न्यायाधीश त्रिलोक ङ्क्षसह चौहान व ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने सरकार को आदेश दिए हैं कि राज्य के बाहर से आने वाले हर व्यक्ति का कोरोना टेस्ट अनिवार्य हो। कोविड समर्पित अस्पतालों के वार्डों में वरिष्ठ डाक्टर नियमित दौरा करें।

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कोर्ट ने कहा कि कोरोना संक्रमण से निपटने के कार्य में लगे कर्मचारी हड़ताल पर नहीं जा सकेंगे। उनके धरने-प्रदर्शन पर पूरी तरह रोक रहेगी। यदि उन्हें कोई शिकायत है तो वह कोर्ट मित्र के माध्यम से कोर्ट को बता सकेंगे। उन्हें वित्तीय लाभ देने व बेहतर खानपान की व्यवस्था राज्य सरकार को करनी होगी। आउटसोर्स पर लगे तृतीय व चतुर्थ श्रेणी कर्मियों को भी कोरोना में सेवाएं देने के लिए अतिरिक्त वित्तीय लाभ दिए जाएं। इसके बावजूद कोई कर्मचारी धरने पर जाता है तो सरकार उसकी सेवाएं बर्खास्त करे। उसके खिलाफ कोर्ट की अवमानना का मुकदमा भी चलेगा। कोई कंपनी ऐसा करती है तो उससे किए करार को रद किया जाए।

राज्य सरकार अपने कर्मचारियों के कार्यालय आने व जाने के समय में बदलाव करे। सड़क से लेकर कार्यालयों के गेट में भीड़ कम हो, इसलिए कुछ कर्मचारियों को सुबह 9:30 बजे तो कुछ को दस बजे बुलाया जाए। उनकी छुट्टी का समय शाम 4:30 बजे और पांच बजे निश्चित हो। सरकार ने जिन कर्मियों को आउटसोर्स पर भरने की बात कही है,  उनकी भर्ती पांच दिसंबर तक पूरी की जाए। इस मामले की अगली सुनवाई 10 दिसंबर को होगी।

टेस्टिंग के लिए निजी लैब को भी करें शामिल

हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि कोरोना टेस्ट की संख्या बढ़ाने के लिए निजी लैब व उनके कर्मचारियों की मदद ली जाए। जो भी व्यक्ति टेस्ट करवाने के लिए आ रहे हैं, उनके मोबाइल फोन नंबर, ई मेल या वाट्सएप नंबर लिया जाए। टेस्ट की रिपोर्ट देने में 48 घंटे से ज्यादा की देरी में स्वीकार्य नहीं होगी।

पुलिस वालों को अनावश्यक छुट्टियां न दें

कोर्ट ने राज्य के डीजीपी को निर्देश दिए कि पुलिस बल को अनावश्यक छुट्टियां न दी जाएं। आम लोग कोरोना के नियमों का सख्ती से पालन करें, इसके लिए बटालियन से अतिरिक्त पुलिस जवान मुहैया करवाए जाएं।

कोट ने यह भी निर्देश दिए

-कोविड समर्पित अस्पतालों में आक्सीजन टैंकर मुहैया करवाने की संभावनाएं तलाशी जाएं।

-शिमला, धर्मशाला, कुल्लू, मंडी, सोलन, ऊना, हमीरपुर में टेस्ट लेने के लिए कियोस्क का प्रचार करें। हर कोविड केंद्र पर हेल्पलाइन नंबर जारी करें, जिससे संक्रमित स्वजनों से बात कर सकें।

-मरीजों को सामथ्र्य के हिसाब से निजी नर्स हायर करने की सुविधा दी जाए।

-कोविड वार्ड के शौचालय व साफ-सफाई का ध्यान रखा जाए।

-मरीजों को गर्म पानी की बोतलें, स्टीमर और एक्सटेंशन बोर्ड मुहैया करवाएं।

-परिवार में किसी के कोरोना संक्रमित होने पर समाज से किसी व्यक्ति का तिरस्कार न किया जाए।

- मजिस्ट्रेट की मंजूरी के बाद ही कार्यक्रम हों। नियमों का पालन करवाने के लिए पंचायती राज के पदाधिकारी ध्यान रखें।

-आवश्यक सेवाओं में लगे लोगों के टेस्ट भी नियमित हों।

- घर में रह रहे मरीजों को गुणवत्तायुक्त दवा व किट मुहैया करवाई जाए।

-अस्पतालों में हर सुविधा से लैस रोगी वाहन मुहैया हों।


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