गैस सिलेंडर डिलीवरी के नाम पर उपभोक्ताओं से लूट, थोड़ी सी भी दूरी पर देनी होगी मजदूरी
हिमाचल में गैस सिलेंडर की डिलीवरी घर तक करवाने के लिए उपभोक्ताओं से 52 रुपये वसूले जा रहे हैं आपका घर चाहे दूर हो या पास ये अतिरिक्त रकम आपको देनी ही होगी।
शिमला, ताराचंद शर्मा। गैस सिलेंडर को घर तक पहुंचाने के नाम पर शिमला में उपभोक्ताओं से लूट हो रही है। घर से गैस एजेंसी के गोदाम की दूरी चाहे 100 मीटर हो या एक किलोमीटर, सिलेंडर डिलीवरी का चार्ज वही लगेगा जो प्रशासन ने तय किया है। नगर निगम शिमला की परिधि में जिला प्रशासन ने लेबर चार्जेज 50 रुपये तय किए हैं। इस पर पांच फीसद जीएसटी जोड़ा जाता है। ऐसे में यह कुल 52.50 रुपये बनते हैं। घर तक सिलेंडर पहुंचाने वाले मजदूर को 35 रुपये ही मिलते हैं, शेष 17 रुपये गैस एजेंसी के खाते में जा रहे हैं।
एजेंसियों भी इस पर तर्क देती हैं कि गोदाम से फोकल प्वाइंट पहुंचाने के लिए गाड़ी घूमती है। गोदाम बनाने के बजाय शहर में सड़कों के किनारे फोकल प्वाइंट बनाए हुए हैं। यहां से सिलेंडर की होम डिलीवरी करवाई जाती है। लोग इस संबंध में आपत्ति भी जता चुके हैं, बावजूद इसके प्रशासन इस रेट में कोई संशोधन नहीं करता है। शहर में गोदाम में सिलेंडर लेने पर उपभोक्ता को 898 रुपये का मिलता है, जबकि घर पहुंचने पर 951 रुपये का हो जाता है। शहर में कई स्थान ऐसे हैं जहां पर गोदाम की दूरी महज सौ मीटर ही है। वहां के भी गैस एजेंसियां बिल में 52.50 रुपये चार्ज कर लेती हैं।
जबरन नहीं वसूल सकते पैसे नियमों के तहत गैस एजेंसी उपभोक्ता से जबरन होम डिलीवरी के पैसे नहीं वसूल सकती। उससे पूछा जाता है कि वह गोदाम से सिलेंडर लेना चाहता है या होम डिलिवरी चाहिए। उसकी इच्छा के बाद ही एजेंसी में बिल बनाया जाता है। हालांकि यह तभी पूछा जाता है जब उपभोक्ता कनेक्शन लेता है। बाद में इसमें कोई बदलाव करवाना हो तो एजेंसी में जाकर हो सकता है। होम डिलीवरी की मजदूरी जिला प्रशासन तय करता है। शिमला में 10 साल से इसमें कोई संशोधन नहीं किया है।
घर पर सिलेंडर की डिलीवरी चाहिए तो 52.50 रुपये शुल्क लगेगा। यदि कोई उपभोक्ता खुद गोदाम से सिलेंडर लेता है तो यह चार्ज नहीं लगेगा। नगर निगम के क्षेत्र में जाने के लिए मजदूरी का यह रेट तय है। इससे अधिक पैसे नहीं वसूले जा सकते। आदर्श सूद, प्रबंधक, बेस्ट गैस एजेंसी सिलेंडर की होम डिलीवरी की मजदूरी जिला प्रशासन तय करता है। शहर में इसके 50 रुपये तय हैं, जबकि पांच फीसद जीएसटी अलग है। इसका बकायदा बिल जारी किया जाता है। यदि कोई गैस एजेंसी बिना बिल के मनमाने दाम वसूलती है या मजदूर ज्यादा पैसे लेता है तो उपभोक्ता शिकायत कर सकते हैं। गैस एजेंसी के अलावा प्रशासन और जिला खाद्य आपूर्ति के कार्यालय में शिकायत की जाती है। ज्यादा वसूली करने वालों पर जुर्माना लगाया जाता है।
श्रवण हिमालयन, जिला खाद्य नियंत्रक
गैस एजेंसी में फोन करने पर सिलेंडर मिल जाता है। बुक किया हुआ सिलेंडर घर पहुंच जाता है। मजदूरी तो देनी पड़ती है, लेकिन 100 मीटर और एक किलोमीटर के बराबर दाम वसूले जाते हैं। दूरी के अनुसार मजदूरी होनी चाहिए। कई बार तो गोदाम से भी सिलेंडर उसी दाम पर मिलता है। ऐसे में सिलेंडर घर पर क्यों न लें। लोगों को इस बात का पता ही नहीं है कि सिलेंडर के दाम में उसकी मजदूरी भी जोड़ी जाती है। -लायक राम शर्मा शिमला जैसी भौगोलिक परिस्थितियों में 30 से 31 किलो का सिलेंडर उठाना आम लोगों के बस की बात नहीं है। 52 रुपये मजदूरी सिलेंडर के दाम के साथ जुड़ी होती है तो घर पर ही लेना ठीक है।
बुजुर्गों और महिलाओं को गोदाम पर सिलेंडर लेने जाना पड़े तो उन्हें वहां से भी मजदूर करना पड़ता है। हालांकि कंपनी के मजदूरी के मानक गलत हैं। 100 मीटर की दूरी के लिए 52 रुपये बहुत अधिक हैं। पहले ही सिलेंडर इतना महंगा है और ऊपर से मजदूरी के यह मानक लोगों की जेब पर अतिरिक्त बोझ डाल रहे हैं। -सोम प्रकाश शर्मा