मानसून सत्र : सरवीण के बयान पर कांग्रेस को आपत्ति, सदन का माहौल गरमाया
शहरी विकास मंत्री सरवीण चौधरी के बयान पर सदन का माहौल गरमा गया सरवीण के बयान पर कांग्रेस ने भी आपत्ति जतायी।
शिमला, राज्य ब्यूरो। विपक्ष ने शहरी विकास मंत्री सरवीण चौधरी को सदन में उनके बयान पर घेर लिया। इस पर सदन का माहौल गरमा गया। सरवीण चौधरी के बचाव में सत्ता पक्ष की तरफ से न कोई मंत्री और न ही विधायक आया। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने मोर्चा संभालते हुए स्वयं ही सरवीण चौधरी के दिए बयान को सुनकर हटाने का सदन में आश्वासन दिया। हालांकि सरवीण चौधरी ने अपने शब्दों को वापस लेने से इन्कार कर दिया था।
भोजनावकाश से पहले सुजानपुर के कांग्रेस विधायक राजेंद्र राणा ने नियम-61 के तहत 19 अगस्त को अपने क्षेत्र में टाउन हाल के लिए 75 लाख रुपये देने के बाद जमीन का हस्तांतरण न होने और काम न होने पर जवाब मांगा। जवाब में सरवीण चौधरी ने कुछ ऐसी बातें बोली जिस पर कांग्रेस ने आपत्ति जताई। भोजनावकाश के बाद कांग्रेस तीखे तेवरों के साथ लौटी तो राजेंद्र राणा ने प्वाइंट ऑफ आर्डर के तहत मामला उठाया और शब्दों को हटाने की मांग की। सरवीण चौधरी ने साफतौर पर मनाही कर दी और इसके विरोध में विपक्ष के नेता ने कहा कि अगले तीन साल तक मंत्री से विपक्ष कोई सवाल नहीं पूछेगा।
इस दौरान सदन में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और उनके दो वरिष्ठ मंत्री भी मौजूद नहीं थे। ऐसे में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने कहा कि मंत्री का दायित्व होता है अधिकारियों से काम लेना और जो शब्द बोले गए हैं उन्हें सुनकर जिन पर आपत्ति है उन्हें हटा दिया जाएगा। इसके बाद माहौल शांत हुआ।
हर्षवद्र्धन चौहान ने मांगी माफी
शिलाई के विधायक हर्षवद्र्धन चौहान ने वीरवार को कही अपनी बातों को लेकर माफी मांगी। गैर सरकारी
संकल्प के दौरान उनकी बातें भाजपा विधायक कमलेश कुमारी को चुभ गई थीं। हर्षवद्र्धन चौहान ने
कहा कि उनकी बातों का गलत अर्थ निकाला गया। उन्होंने किसी भी वर्ग विशेष पर कोई टिप्पणी नहीं की थी। संसदीय कार्यमंत्री सुरेश भारद्वाज ने हर्षवद्र्धन से शब्द वापस लेने अथवा इसे सदन की कार्यवाही से बाहर करने का आग्रह किया था।
मुकेश ने उठाया रविदास मंदिर गिराने का मामला
नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने विधानसभा में दिल्ली में संत रविदास मंदिर गिराए जाने का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि सरकार इसमें दखल दें और केंद्र से इनकी जगह भव्य मंदिर बनाने की मांग करे। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि वह मंदिर बनाने को तैयार हैं, लेकिन केंद्र चार बीघा जमीन दे। वहां आंदोलन करने हिमाचल के लोग भी गए हैं। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि मंदिर गिराने से समुदाय विशेष की भावनाएं आहत हुई हैं। सरकार सभी समुदायों की भावनाओं का सम्मान करती है। इस मामले में सरकार से जो कुछ भी होगा, जरूर करेगी।
सवाल करते हैं तो जवाब सुनने की हिम्मत भी रखें : सरवीण
सरवीण चौधरी ने पूर्व कांग्रेस सरकार की कार्यप्रणाली को कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने राजेंद्र राणा द्वारा उठाए गए टाउन हाल के मामले को लेकर कहा कि पूर्व सराकार में चौगान की जमीन पर विधानसभा चुनाव से पहले शिलान्यास करवा दिया। जमीन को नाम नहीं करवा सके क्योंकि सरकार ने चौगान की जमीनों के हस्तांतरण पर रोक लगा रखी है। अब इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं और जमीन को देखा जा रहा है। जब सवाल करते हैं तो जवाब सुनने की हिम्मत भी होनी चाहिए।